नई दिल्ली: ई-कॉमर्स पोर्टल पर बेचे जाने वाले प्राेडक्ट पर अगर बनाने वाले देश का नाम नहीं है तो इस प्राेडक्ट का जिम्मेदार खुद पोर्टल होगा. यह टिप्पणी हैदराबाद के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपने एक फैसले के दौरान की है. आयोग ने कहा कि ई-कॉमर्स नियम के तहत कंपनियों को प्राेडक्ट के मूल देश के बारे में जानकारी ग्राहकों को देना जरूरी है. ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह जरूरी जानकारी ग्राहकों को दिखाई जाए, ताकि वे विकल्प को चुन सकें.
आयोग ने आगे कहा कि अगर ई-कॉमर्स नियमों का कोई उल्लंघन होता है तो ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस सूचना प्राेद्याैगिकी अधिनियम के तहत फोरम कंपनियों को जुर्माने से नहीं बचा सकती हैं. इस मामले में कन्ज्यूमर फोरम ने ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम पर मार्केट प्लेस और यूनी वन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (विक्रेता) पर एक शिकायत में कार्रवाई करते हुए 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. मामले में शिकायतकर्ता आकाश कुमार को यह मुआवजा दिया जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
आकाश कुमार ने अगस्त 2020 में पेटीएम के जरिए से 13,440 रुपये में एक उषा सिलाई मशीन खरीदी थी. उन्हें जब ये मशीन मिली तो पता चला कि मशीन थाईलैंड में बनी है. कंपनी ने ई-कॉमर्स नियम 2020 के नियम के तहत अनिवार्य रूप से साइट पर मूल देश को नहीं दिखाया था. चूंकि कोई जानकारी नहीं दी गई थी, शिकायतकर्ता ने मान लिया था कि उत्पाद भारत में बनाया गया होगा. आकाश ने कहा कि अगर ऑनलाइन पोर्टल पर मूल देश का लिखा होता तो वह सिलाई मशीन नहीं खरीदता.
कंपनी ने दिया ये तर्क
शिकायत का विरोध करते हुए पेटीएम ने तर्क दिया कि यह एक ऑनलाइन मार्केट प्लेस है, जो कई विक्रेताओं को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है. यह विक्रेताओं और खरीदारों के बीच बिक्री लेनदेन की सुविधा के लिए केवल मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है. उत्पाद की बिक्री के साथ इसका कोई सीधा संबंध नहीं है. वहीं, निर्माता ने तर्क दिया कि जब अन्य सभी जरूरी जानकारी दी गई है तो मूल देश से संबंधित जानकारी को छोड़ देना गलत नहीं है. कंपनी ने कहा कि इससे शिकायतकर्ता को कोई नुकसान, चोट, मानसिक पीड़ा या आघात नहीं हुआ है.
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