इंदौर। लॉकडाउन (lockdown) के बाद से लोगों की कमाइयां घटने लगी, बेरोजगारी बढ़ी (unemployment rose), नौकरियां छूटी (missed jobs), महंगाई चरम पर पहुंच गई। मध्यमवर्गीय परिवारों (middle class families) का जीना मुश्किल हो गया तो गरीबों के तो भूखे मरने की नौबत आ गई। परेशानियों के संकट में घिरे परिवारों में खर्च और घर चलाने को लेकर पुरुषों की खिसियाहट (men’s giggle) इस कदर बढ़ी कि घरेलू हिंसा के मामले में दो से लेकर तीन गुना तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। जिला प्रशासन (district administration) द्वारा घरेलू हिंसाओं की आपसी समझबूझ और समझौते से निपटारे के लिए बने वन स्टॉप सेंटर (सखी) में आए केवल पिछले महीने के आंकड़े वर्ष 2019 के जनवरी आंकड़ों के मुकाबले से तीन गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं तो 2020 के मुकाबले दोगुने हो गए। 2020 में जनवरी में केवल 82 मामले ही वन स्टॉप सेंटर के पास पहुंचे थे, जबकि इस साल केवल जनवरी माह में ही यहां 172 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें घरेलू हिंसा के 90 फीसद मामले हैं।
वन स्टॉप सेंटर (one stop center) में यूं तो आंकड़े कोरोना की पहली लहर के बाद जुलाई-अगस्त से ही बढऩे लगे थे, लेकिन पिछले महीने का आंकड़ा भी कम चौंकाने वाला नहीं है। अखबारों, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों (social media and other mediums) से जानकारी लगने के बाद घरेलू हिंसा या अन्य किसी परेशानी का शिकार महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंच रही हैं। कई को यहां आसरा भी दिया गया है। 2019, 2020 और 2021 के मुकाबले आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है, जिसका कारण इस सेंटर से सुनवाई और मदद की जानकारी लगने के साथ ही जागरूकता (Awareness) बढऩा है। डॉ सीएल पासी और जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि इस साल जनवरी में वन स्टॉप सेंटर के पास पहुंचे मामलों में करीब 35 मामलों में समझौता करवा दिया गया है। कई मामलों में चार से पांच बार काउंसलिंग लगती है, इसलिए जनवरी में आए कुछ मामलों में अब तक काउंसलिंग चल रही है। कोशिश की जाती है कि मामलों में सेंटर से ही समझौता हो जाए।
पिछले साल पहुंचे दो हजार से अधिक मामले
वन स्टॉप सेंटर (सखी) में पहुंचे 2021 के आंकड़ों पर एक नजर डालें, तो ये भी दो हजार से ज्यादा है। लॉकडाउन खुलने के बाद हर महीने यहां पहुंचे मामले दो सौ से ज्यादा हैं। जून से यहां हर महीने पहुंचने वाले केसेस की संख्या 250 के पार भी पहुंची है। अगस्त 21 में 250, तो सितंबर 21 में 232 मामले तक महीने में पहुंचे हैं।
हाईप्रोफाइल मामले भी वन स्टॉप सेंटर के पास
वन स्टॉप सेंटर (सखी) की प्रशासक डॉ वंचना सिंह परिहार (Dr. Vanchana Singh Parihar) ने बताया कि पिछले महीने आए नब्बे फीसद मामले घरेलू हिंसा के थे। दस फीसद मामले प्रॉपर्टी विवाद (property dispute) और अन्य थे। इसमें कुछ मामले हाईप्रोफाइल भी रहे। जागरूकता के अलावा सोशल मीडिया और अखबारों की मदद से कई अन्य राज्यों से भी इंदौर के वन स्टॉप सेंटर पर आकर मदद ली जा रही है।
पिछले साल के आंकड़ों पर एक नजर
जनवरी 149
फरवरी 178
मार्च 184
अप्रैल 69
मई 154
जून 201
जुलाई 254
अगस्त 250
सितंबर 232
अक्टूबर 236
नवंबर 253
दिसंबर 190
टोटल 2332
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