नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार 21वें दिन दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठकर धरना कर रहे हैं। ऐसे में शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि अगर सरकार चाहे तो हजारों किसानों द्वारा जारी आंदोलन मिनटों में ही समाप्त हो जाएगा।
संजय राउत ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “अगर सरकार चाहती तो किसानों के साथ इस मुद्दे को आधे घंटे में खत्म कर सकती थी।” सांसद ने पांच मिनट में गतिरोध को हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हस्तक्षेप का भी सुझाव दिया।
शिवसेना नेता ने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री खुद हस्तक्षेप करते हैं, तो इसका पांच मिनट में हल किया जा सकता था। मोदी जी इतने बड़े नेता हैं, सब उनकी बात सुनेंगे। आप स्वयं बात शुरू करते हैं और जो चमत्कार होता।’
पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि यह कानून उनकी कमाई को कम कर देंगे और कॉर्पोरेट्स हाउस को बड़ा नियंत्रण मिलेगा।
विरोध अपने तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है, लेकिन किसान संघों और सरकार के बीच गतिरोध के समाधान के कोई संकेत नहीं हैं। अब तक पांच बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन गतिरोध अभी भी जारी है। जबकि सरकार कह रही है कि वह वार्ता के और दौर आयोजित कर सकती है। किसान संगठन अपनी मांग के साथ दृढ़ हैं कि तीन कानूनों को निरस्त किया जाए।
सितंबर में लागू तीन कृषि कानूनों को केंद्र द्वारा कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है, जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी फसल बेचने की अनुमति देगा। हालांकि, किसान संगठनों ने आशंका व्यक्त की है कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेगा और मंडियों के साथ बड़े कॉर्पोरेट्स की दया पर उनको छोड़ देगा।
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