इंदौर। मेंटेनेंस क्वालिटी (maintenance quality) का हो तो फीडर में ज्यादा फाल्ट नहीं आएंगे। यदि किसी 11 केवी फीडर पर माह के दौरान शहरों में 5 बार से ज्यादा और गाँवों में 10 से ज्यादा बार फाल्ट या अवरोध की स्थिति बनी, तो अधीक्षण यंत्री (Supervising Engineer) सीधे जिम्मेदार होंगे। बिजली उपभोक्ताओं (electricity consumers) को श्रेष्ठ सेवा देना, आपूर्ति निर्बाध देना और समय पर बिल राशि वसूलना प्रत्येक बिजली कर्मचारी और अधिकारी का लक्ष्य होना चाहिए। प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय दुबे ने शुक्रवार को पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी मुख्यालय में इंदौर एवं उज्जैन क्षेत्र के बिजली अधिकारियों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये।
श्री दुबे ने कहा कि फीडरों की इंडेक्सिंग पर सभी जिलों के अधिकारी अत्यंत गंभीरता से कार्य करें। एक जुलाई से मैं डेश बोर्ड पर प्रदेश के सभी फीडर में चुनिंदा फीडरों की जानकारी लाइव देखूंगा। श्री दुबे ने निर्देश दिए कि फीडर की इंडेक्सिंग की जिम्मेदारी लाइनमेन, जेई, एई, डीई, एसई और संबंधित रीजन के सीई तक की होगी। इसके बारे में इनसे पूछा जाएगा, गलती या लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई होगी। प्रमुख सचिव ने कहा कि शहरों में आपूर्ति संबंधित उपभोक्ता शिकायत निवारण का लक्ष्य 1 घंटे एवं देहात में 3 घंटे होना चाहिए। उन्होंने पुराने, खराब मीटर समय पर बदलने, नए कनेक्शन समय पर प्रदान करने, विजिलेंस रिकवरी समय पर लक्ष्य बना कर करने, आंकलित खपत के बिलों से मुक्ति, आरडीएसएस के कार्य नियमानुसार करने, 10 किलो वाट से अधिक भार वाले सभी उपभोक्ताओं के यहाँ एएमआर करने, सिंचाई कनेक्शन के संबंध में डीबीटी की सभी 15 जिलों में तैयारी करने और स्पेक माड्य़ूल के हिसाब से मेंटेनेंस डाटा तैयार रखने के निर्देश दिए।
मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर ने कहा कि ट्रांसफार्मर फेल रेट, राजस्व संग्रहण, लॉस घटाने एवं अन्य प्राथमिकताओं के संबंध में सतत सुधार हो रहा है।
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