भोपाल। बिजली बिल नहीं चुकाना अब बहुत भारी पड़ेगा. बकायादार का कनेक्शन कंपनी अपने कंट्रोल रूम से एक क्लिक से काट देगी। कंपनी गोविंदपुरा स्थित कंट्रोल रूम में इसके लिए काम करवा रही है। यहां हर मीटर पर नजर रखी जाएगी और बकाया होने पर मीटर को ऑनलाइन एक क्लिक पर ही बंद कर दिया जाएगा। ये ठीक वैसा ही होगा, जैसे आपका बैलेंस खत्म होने पर मोबाइल की आउटगोइंग बंद हो जाती है। शहर में उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद के बीच आइटी आधारित अधोसंरचना को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। स्मार्ट मीटर प्री-पेड भी होंगे। पोस्ट पेड होने पर कंपनी बकाया बढऩेे पर बंद कर देगी। इस समय बिजली कंपनी की सबसे बड़ी चुनौती बिल की पूरी वसूली ही है। इसके लिए बकायादारों को मैसेज करने और कई बार तो इंजीनियर- कर्मचारी राशि जमा कराने खुद ही परिसर पर पहुंच जाते हैं।
नई तकनीक से खत्म होगी दिक्कत
नई तकनीकी से बिजली कंपनी की दिक्कत खत्म हो जाएगी। समय पर या देरी से बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं की जरूर दिक्कत बढ़ेगी। हालांकि इस नई व्यवस्था से बिजली उपभोक्ताओं के हाथ में भी अपने बिजली मीटर की रीडिंग मोबाइल पर ही देखने और घर से बाहर रहने यानि बिजली का उपयोग नहीं होने पर कंपनी को मीटर बंद करने जैसी रिक्वेस्ट करने का ऑप्शन भी होगा। आगामी समय में हर माह होने वाली मीटर रीडिंग बिलिंग की मौजूदा प्रणाली भी खत्म हो जाएगी। कंट्रोल रूम पर ही एक तय तारीख को रीडिंग के अनुसार बिल बनेंगे और उपभोक्ता को मोबाइल ऐप या मैसेज से वह मिल जाएगा।
बकाया वसूली भी होगी स्मार्ट तरीके से
कंपनी के मध्यक्षेत्र के एमडी जीएस मिश्रा के मुताबिक बिजली मीटर रीडिंग- बिलिंग और बकाया वसूली के साथ ही अन्य काम आगामी समय में स्मार्ट तरीके से होंगे। स्मार्ट मीटर समेत अन्य के लिए काम चल रहा है। लोगों को काफी लाभ होगा। स्मार्ट मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए तय एजेंसी के माध्यम से करीब 800 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च की जाएगी। स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की शुरुआत एचटी उपभोक्ताओं से की जाएगी, इसके बाद एलटी यानि घरेलू उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगेंगे। शहर में कुल चार लाख मीटर बदलने की योजना है, अभी काम शुरू होना बाकी है।
हाइटेक होना जरूरी
बिजली की एडवांस तकनीक आने वाली है इसलिए उपभोक्ताओं को भी थोड़ा हाइटेक होना होगा। अभी इसे लेकर जानकारी बढ़ाएं, ताकि जब मीटर लगे तो इसकी रीडिंग बिलिंग वाली दिक्कत या तकनीकी त्रुटि से चपत की स्थिति न बने।
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