उज्जैन। बहादुरगंज निवासी महिला की आज तड़के एकाएक तबीयत बिगड़ी जिस पर परिजन तत्काल अस्पताल लेकर गए लेकिन वहाँ पर महिला की मौत हो गई। महिला के देवर ने आरोप लगाया कि सुबह 4 बजे नर्सें सो रही थीं और उन्होंने काफी देर तक उन्हें जगाने की कोशिश की, इस दौरान उनकी भाभी ने दम तोड़ दिया। इस दौरान कुछ देर तक हंगामा भी मचा। पुलिस मौके पर आ गई थी। आज तड़के 4 बजे बहादुरगंज निवासी सुनिता पति अशोक शर्मा उम्र 50 साल की अचानक तबीयत बिगड़ गई जिस पर परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए। यहाँ पर इमरजेंसी से महिला को हड्डी वार्ड में भर्ती कर दिया गया लेकिन हालत नहीं सुधरने पर महिला के परिजन नर्सों को जगाने गए, इस बीच सुनिता की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
मृतका के देवर मनोज शर्मा ने बताया कि अस्पताल वालों की लापरवाही से उनकी भाभी की मौत हुई है। जब वे अस्पताल लेकर आए तो एक चिकित्सक ने बिना जाँच किए ही उन्हें हड्डी वार्ड में भेज दिया और इसके बाद जब वे नर्सों को बुलाने के लिए गए तो वे अपने कक्ष में दरवाजा बंद कर सोई रहीं और वे काफी देर तक दरवाजा बजाते रहे लेकिन वे बाहर नहीं आए और इसी बीच उनकी भाभी ने दम तोड़ दिया। जानकारी लगते ही पुलिसकर्मी वहाँ आ गए और उन्होंने मामले को शांत कराया। इधर डॉ. नितेश अडवार ने बताया कि महिला को लाते ही उनका चेकअप कर लिया था तथा परिजनों को बताया था कि उनके फेफड़ों में सूजन है तथा हालत गंभीर है। आज सुबह आरएमओ डॉ. जी.एस. धवन ने बताया कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लगातार कमी बनी हुई है। मेडिसिन विभाग में केवल दो डॉक्टर ही हैं और प्रतिदिन डेढ़ सौ से 200 मरीज प्रतिदिन आते हैं, ऐसे में उपचार सुविधा उपलब्ध कराने में परेशानी आती है।