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    डॉक्टर की ओरिजनल पर्ची मांगी तो सिलेंडर की कालाबाजारी करने वाले कम हो गए

  • May 01, 2021

     

    अग्रिबाण की खबर का असर
    खातीपुरा के प्लांट पर कुछ घटी भीड़
    इंदौर।  आपदा में कालाबाजारी (Black marketing) का अवसर तलाशने वाले लोग ऑक्सीजन की कालाबाजारी (Black marketing) करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। दो दिन पहले अग्रिबाण ने खबर प्रकाशित कर बताया था कि किस तरह से ऑक्सीजन की कालाबाजारी की जा रही है। खबर के बाद प्रशासन ने ऑक्सीजन (Oxygen plants) प्लांट के बाहर सख्ती शुरू की और सिलेंडर भरवाने आए लोगों से सख्ती से पूछताछ की तो फर्जी पर्ची से सिलेंडर ( cylinders)  भरवाने वाले कम हो गए।


    इंदौर में 3 ऑक्सीजन प्लांट पर सबसे ज्यादा भीड़ जमा हो रही है। सिलेंडरों की कमी के चलते कई लोग सिलेंडर ( cylinders) लेने के लिए परेशान होते रहते हैं। इसका फायदा वे लोग उठा रहे हैं, जिनके पास सिलेंडर ( cylinders) हैं। ऑक्सीजन का उपयोग अस्पताल के अलावा फेब्रीकेशन उद्योग में भी होता है और इंदौर में बड़ी संख्या में इस उद्योग से जुड़े लोग हैं। यही नहीं कई लोग जो छोटे स्तर पर यह काम करते हैं उनके पास भी ऑक्सीजन का सिलेंडर होता है। ऐसे कई लोग शहर में ऑक्सीजन की कमी का फायदा उठाकर अपने सिलेंडर ( cylinders) को 1 से लेकर डेढ़ हजार रुपए तक में ब्लेक कर रहे थे। ये डॉक्टर की पर्ची की फोटोकॉपी लेकर सिलेंडर भरवाने पहुंच जाते थे, लेकिन खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन ने सख्ती कर दी और डॉक्टर की ओरिजनल पर्ची, जिसमें मरीज को ऑक्सीजन देना अनिवार्य किया गया है उसको देखकर ही सिलेंडर भरे जा रहे हैं। इसका असर यह हुआ कि कल दोपहर से ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen plants) पर भीड़ भी कम देखी गई, वहीं आज सुबह भी खातीपुरा के प्लांट पर बहुत ही कम लोग नजर आए।


    जो सिलेंडर लेकर गए, उन्होंने घर में रख लिए या परिचितों को दे दिए
    शहर में ऑक्सीजन सिलेंडरों (oxygen cylinders) के टोटे का एक बड़ा कारण यह भी है कि जो लोग पहले सिलेंडर लेकर गए थे अभी भी सिलेंडर को अपने पास ही रखे हुए हैं, जबकि उनके मरीज ठीक हो गए हैं। ऑक्सीजन प्लांट से जुड़े लोगों को कहना है कि कई लेागों को डर रहता है कि घर में फिर कभी कोई फिर से बीमार हो गया और ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी तो क्या होगा? इसलिए कोई सिलेंडर वापस लेकर नहीं आ रहा है। इस कारण भी सिलेंडरों का टोटा पड़ा हुआ है। कई लोग तो अपने परिचित और रिश्तेदारों को आवश्यकता पडऩे पर सिलेंडर दे देते हैं। इस कारण भी सिलेंडर वापस नहीं आ पाता और बार-बार रिफिलिंग कराकर उसका उपयोग किया जाता है। नगर निगम ने भी पिछले दिनों कई सिलेंडर जब्त किए थे, जिन्हें कुछ अस्पतालों (hospitals) को उपलब्ध कराया गया है। इसलिए भी प्लांट वालों के पास सिलेंडर उपलब्ध नहीं है।

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