इंदौर, राजेश ज्वेल। प्रधानमंत्री ने फरमान सुनाया कि लॉकडाउन से मुक्ति के लिए 5 फीसदी से कम संक्रमण दर होना चाहिए। उसे हूबहू मानने की मजबूरी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने दिखाई और कल इंदौर में समीक्षा बैठक में दिए निर्देश के चलते कलेक्टर को 28 मई तक सख्त लॉकडाउन (Lockdown) के आदेश जारी करना पड़े, जिसमें सब्जी, किराना को दी गई छूट भी समाप्त कर दी गई। हालांकि जनता इस फैसले से नाखुश है।
देश के हर शहर और गांव की भौगोलिक परिस्थिति, आबादी और आर्थिक गतिविधियां अलग-अलग हैं, मगर प्रधानमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री और कलेक्टरों को निर्देश दिए कि माइक्रो कंटेन्मेंट झोन (Micro Containment Zone) बनाने के साथ संक्रमण दर 5 फीसदी से कम लाई जाए। नतीजतन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कल इंदौर में इंदौर संभाग की कोरोना समीक्षा की, जिसमें निर्देश दिए कि 31 मई तक इंदौर सहित पूरे प्रदेश में संक्रमण दर 5 फीसदी से कम की जाए। इसके लिए छोटे शहरों के उदाहरण भी दिए गए। नतीजतन इंदौर में जहां लगातार संक्रमण की दर कम हो रही है और नए मरीजों की संख्या तो आधी से भी कम रह गई, बावजूद इसके कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने कल रात 28 मई तक शहर में सख्त लॉकडाउन (Lockdown) घोषित करते हुए फल, सब्जी, किराना दुकानों को दी गई छूट भी समाप्त कर दी। जबकि 42 दिनों से यह लॉकडाउन चल रहा है और अब मरीज घटने के बाद जनता व कारोबारियों को उम्मीद थी कि सोमवार से छूट मिलेगी, मगर उलटा दी गई छूट भी समाप्त कर दी। दरअसल मुख्यमंत्री की मजबूरी है कि प्रधानमंत्री के फरमान को मानना है, जिसके चलते पीएम के फरमान के बाद सीएम और फिर डीएम तक सख्ती करने को मजबूर हो गए।
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