भोपाल। मुरैना और श्योपुर जिले में विस्तारित कूनो नेशनल पार्क (राष्ट्रीय उद्यान) में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीते लाने को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है। बीमार पडऩे पर इन चीतों को मंदसौर-नीमच की सीमा पर स्थित गांधी सागर अभयारण्य और सागर के नौरादेही अभयारण्य में क्वारंटाइन किया जाएगा। इन दोनों अभयारण्यों में चीतों के लिए विशेष बाड़े बनाए जाएंगे। वनमंत्री विजय शाह ने बताया कि पहले चरण में आठ चीते लाए जाएंगे। भारत और अफ्रीकी देशों की सरकार के बीच अनुबंध हो चुका है। चीते दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए जाएंगे। इसके पहले उनका टीकाकरण करवाया गया है, क्योंकि अफ्रीका और भारत के वातावरण में काफी अंतर है। सेहत को ध्यान में रखते हुए वेटरनरी डाक्टरों से भी सलाह ली जा रही है। वनमंत्री विजय शाह का कहना है कि बीमारी की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार ने गांधी सागर अभयारण्य को पहले ही चीतों के लिए आरक्षित कर रखा है। अब नौरादेही में भी चीतों को क्वारंटाइन किया जाएगा। कूनो की तरह दोनों जगह बाड़े बनाए जा रहे हैं।
एक बार का खर्च 50 लाख
चीतों को कार्गो और विशेष विमान से लाया जाएगा। यह काम उड्डयन मंत्रालय से होना है। चीतों को दो से तीन बार में लाने की रूपरेखा बनी है। विमान से लाने को लेकर काफी खर्च आ रहा है। इस वजह से प्रदेश सरकार एक बार में सभी चीतों को लाने की योजना बना रही है। वन विभाग अभी तय नहीं कर पाया है कि चीतों को एक साथ दक्षिण अफ्रीका से लाया जाए या नामीबिया से। सरकारों के बीच मंथन चल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक एक बार में हवाई मार्ग से लाने का खर्च करीब 50 लाख रुपये आ रहा है।
तारीख केंद्र सरकार तय करेगी
वनमंत्री विजय शाह ने कहा कि चीतों को लाने की तारीख केंद्र सरकार से तय होगी। दो अभयारण्यों को रिजर्व में रखा गया है। भविष्य में चीतों की संख्या बढऩे या बीमार होने की स्थिति में इन्हें अन्य अभयारण्य में रखा जाएगा। अभी आठ चीतों को लाने का अनुबंध हुआ है।
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