बाबरी ढांचे के संबंध में लिखी थी इबारतें
इंदौर। बाबरी ढांचे के संबंध में भडक़ाऊ पोस्टर लगाते किसी ने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के इंदौर के अध्यक्ष मोहम्मद सईद को नहीं देखा तो कोर्ट ने उसे जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया। पोस्टर में उकसाने वाली इबारतें लिखी थीं।
सूत्रों के मुताबिक 5 दिसंबर 2020 को दोपहर 11 बजे फरियादी मोहम्मद जाकिर मंसूरी महू नाका कब्रिस्तान पहुंचा तो देखा कि कब्रिस्तान के गेट की दीवार पर बाबरी मस्जिद का फोटो लगा हुआ था। उस पर लिखा हुआ था कि ‘6 दिसम्बर 1992 को कहीं हम भूल न जाएं।’ इस पोस्टर पर ‘पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ लिखा था। पोस्टर को देखकर बहुसंख्यक वर्ग की भावना भडक़ सकती थी, लिहाजा उसने पुलिस को सूचित किया। इल्जाम है कि यह पोस्टर लगाने हेतु छत्रीपुरा मेनरोड पर रहने वाले पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के इंदौर के अध्यक्ष 45 वर्षीय मोहम्मद सईद पिता अब्दुल रशीद द्वारा ऐलान किया गया था। फरियादी की रिपोर्ट पर छत्रीपुरा थाने पर आईपीसी की धारा 298, 505(ख),188 के तहत प्रकरण दर्ज कर मुलजिम को गिरफ्तार किया गया था। मामले में वह 29 दिसंबर 2020 से जेल में बंद है। उसकी ओर से जमानत अर्जी देकर दलील दी गई थी कि उसे पहली नजर में किसी ने पोस्टर लगाते नहीं देखा है। उसका फरियादी से राजीनामा भी हो चुका है और फरियादी को उसे जमानत मिलने पर कोई एतराज भी नहीं है। साथ ही मामला प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। जज संदीपकुमार पाटिल ने केस डायरी देखने के बाद मुलजिम को मजिस्ट्रेट के समक्ष 15 हजार की जमानत एवं इतनी ही राशि का मुचलका पेश करने पर उसे जमानत पर छोडऩे का फरमान जारी किया है। अलबत्ता उस पर फरियादी व गवाहों को नहीं डराने-धमकाने एवं अपराध को नहीं दोहराने की बंदिशें लगाई गई हैं। साथ ही केस चलने के दौरान कोर्ट में तारीख पेशी पर हाजिर रहने की शर्त थोपी है।
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