साइनस के मरीजों के लिए मौसम में बदलाव कई परेशानियां खड़ी कर सकता है। साइनस होने पर ना सिर्फ व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है बल्कि चेहरे की मांसपेशियों में दर्द भी होता है। साइनस नेजल कंजेशन का ही एक प्रकार है जिसमें नाक के आसपास के पैसेज में सूजन हो जाती है। ठंड का मौसम और धूल-मिट्टी साइनस के प्रमुख कारणों में से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक साइनस के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं।
इस समस्या में रोगी को हल्का बुखार आता है और आंखों के पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द रहता है। इसके अलावा, नाक बहना या बंद हो जाना भी साइनस के लक्षण हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को डॉक्टर्स कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं –
दही: पेट के लिए दही के फायदों से ज्यादातर लोग परिचित हैं। लेकिन साइनस के मरीजों के लिए दही खाना हानिकारक है। ये मरीज अगर दही का सेवन करते हैं तो इससे बॉडी में फ्लेम का उत्पादन होता है। ये कंजेशन की समस्या को बढ़ाने में कारगर है। अगर आप दही खाना भी चाहते हैं तो रात को इसके सेवन से बचना चाहिए।
टमाटर:
कई लोगों में टमाटर खाने से सूजन की समस्या देखने को मिलती है। खासकर कच्चा टमाटर खाने से मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है।
आंवला:
आंवला को कई बीमारियों से बचाने में सहायक माना जाता है। हालांकि, साइनस के मरीजों आंवला खाने से बचना चाहिए। कई मरीजों में आंवला के जूस के सेवन से गले में खराश व कंजेशन की समस्या देखी जा सकती है। ऐसे में जिन्हें गले में खुजली या कोई असहजता महसूस हो तो आंवले से परहेज करना चाहिए।
रेड मीट:
रेड मीट में प्रोटीन उच्च मात्रा में मौजूद होता है, इससे बॉडी में म्यूकस की अधिकता हो जाती है। साथ ही, ये कंजेशन की समस्या को भी बढ़ाने में कारगर है।
चावल:
साइनस के मरीजों के लिए चावल का सेवन भी हानिकारक हो सकता है। इससे इंफ्लेमेशन बढ़ता है, साथ ही गले में खराश व नाक में परेशानी भी अधिक होती है। हालांकि, दोपहर के समय में आप कुछ मात्रा में चावल खा सकते हैं।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें। कोई भी बीमारी या परेंशानी होने की स्थिति हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved