नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 (Aparajita Women and Children Bill 2024) पेश किया. सीएम ने इसको ऐतिहासिक बताया. सदन में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने बिल का समर्थन किया. सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने कहा कि बीजेपी अपराजिता बिल का समर्थन करती है. बिल पर चर्चा के दौरान सीएम ममता (CM Mamata Banerjee) के तीखे तेवर भी देखने को मिले. उन्होंने पीएम मोदी पर भी हमला बोला.
सीएम ममता ने सदन में कहा, कोलकाता रेप केस पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से उन्हें कोई रिएक्शन नहीं मिला. बीजेपी कहती है कि हमारे राज्य में ट्रेन में रेप जैसे गंभीर अपराध होते हैं. मैं पूछना चाहती हूं अगर बंगाल में ट्रेन में रेप जैसे अपराध होते हैं तो क्या इसके लिए बंगाल सरकार जिम्मेदार है. आखिर बताएं कि रेल को कौन कंट्रोल करता है.
बीजेपी पर सीएम ममता के हमले यहीं रुके. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव और हाथरस रेप केस की बीजेपी क्यों बात नहीं करती है. रेप के मामले मानवता के खिलाफ अभिशाप हैं. ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कानूनी सुधार के साथ ही सामाजिक सुधार की जरूरत है. अपराजिता बिल पारित होने के बाद हम पुलिस में विशेष अपराजिता टास्क फोर्स का गठन करेंगे. जो कि तय समय में रेप के मामलों की जांच पूरी करेगी.
बिल पेश करने के बाद सीएम ममता ने सदन में बीजेपी से कहा कि हम चाहते हैं कि राज्यपाल से बीजेपी कहे कि वो जल्द इसको पास करें. उसके बाद इसे लागू करना हमारी जिम्मेदारी होगी. हम सीबीआई से न्याय चाहते हैं. दोषी को फांसी की सजा मिले. अपराजिता विधेयक के जरिए हमने केंद्रीय कानून की कमियों को दूर करने की कोशिश भी की है.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को रेप के बाद महिला डॉक्टर की सेमिनार हॉल में हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद से विपक्ष सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहा है. इस पर भी सदन में सीएम ने रिएक्शन दिया. उन्होंने कहा कि पीएम, गृह मंत्री और उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी इस्तीफा मांगना चाहिए जो महिलाओं की रक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू नहीं कर पाए हैं.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हम विधेयक का समर्थन करते हैं. पारित होने के बाद राज्य सरकार इसे तुरंत लागू करे. टीएमसी सरकार रेप और यौन शोषण की घटनाओं को रोकने में नाकाम रही है. ममता सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की हत्या को लेकर जनता के गुस्से और विरोध से ध्यान भटकाने के लिए ये विधेयक पेश किया है. ये सरकार पिछली घटनाओं में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी है.
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