मुंबई: प्रभास और कृति सेनन की फिल्म आदिपुरुष को रिलीज के बाद से कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत ने आदिपुरुष को ‘रामायण’ से प्रेरित बताया है. ऐसे में ये फिल्म हज़ारों-करोड़ लोगों की आस्था से जुड़ी थी, लेकिन फिल्म में जिस तरह के डायलॉग, करिदार और वीएफएक्स दिखाए गए हैं उससे लोगों की भावना आहत हो रही है.
फिल्म में अगर ये 5 गलतियां नहीं की गई होतीं तो आदिपुरुष बनकर प्रभास और ओम राउत लोगों के दिल में बस जाते. भगवान राम जन-जन के आदर्श हैं. रामलीला से लेकर रामानंद सागर की रामायण तक के लिए लोगों के दिलों में अपार प्रेम और श्रद्धा है. यही श्रद्धा लिए लोग आदिपुरुष देखने पहुंचे थे, लेकिन इस फिल्म ने राम भक्तों को निराश किया.
आदिपुरुष की सबसे बड़ी खामी फिल्म के डायलॉग बने. फिल्म की शुरूआत के ही दमदार और इमोशन डायलॉग की कमी खलने लगती है, लेकिन हनुमान और मेघनाथ के टपोरी स्टाइल डायलॉग ने फिल्म को और हल्का बना दिया. हनुमान जब लंका जलाने जाते हैं तो कहते हैं ‘कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, तो जलेगी भी तेरे बाप की. इसके अलावा ‘लंका लगा देंगे’ जैसे डायलॉग ने गंभीरता और श्रद्धा भाव की ही लंका लगा दी. फिल्म को भारत के अलावा कई देशों में रिलीज किया गया है ऐसे में राष्ट्रवादी डायलॉग को लेकर भी खूब विवाद हो रहा है.
आदिपुरुष देखते वक्त लोगों के ज़हन में जो दूसरी बात खटकी वो थी रावण की काली दुनिया. सोने की लंका को काला दिखाया गया है. रावण के कपड़ों को काला दिखाया गया है. रावण के पुष्पक विमान की जगह चमगादड़ पर सीता माता को अगवा करके ले जाता है जो रामायण की छवि और कहानी से कहीं मेल खाता नज़र नहीं आता. वहीं दूसरा सीन जब ब्रह्मा जी रावण को अमरत्व का वरदान देते हैं तो रावण बिना उन्हें नमस्कार किए और बिना उनके गायब हुए मुड़कर हंसता हुआ चला जाता है, जो किसी भी देवता के अपमान जैसा है.
आदिपुरुष के वीएफएक्स को लेकर टीजर के वक्त से ही आलोचना हो रही थी. फिल्म का ट्रेलर भी दोबारा इसीलिए रिलीज किया गया था, लेकिन हालात वही नज़र आए. फिल्म के घटिया वीएफएक्स हॉलीवुड तो दूर ‘बाहुबली’ को भी टक्कर नहीं दे पाई. वीएफएक्स के इस्तेमाल के चक्कर में कई सीन से खिलवाड़ किया गया. जिसमें सीता को जाल में जकड़कर हवा में ले जाते हुए वाला सीन किसी को भी भावना को आहत कर सकता है.
आधुनिक रामायण के चक्कर में मुख्य किरदारों से ही छेड़खानी कर दी गई है. रावण के हेयरकट से लेकर ओवर ऑल लुक का मज़ाक बनाकर रख दिया है. लंका का राजा था रावण, लेकिन फिल्म में किसी विलेन से कम नहीं लगा. एक भी सीन में रावण को मुकुट पहने या राजा की तरह नहीं दिखाया गया. वहीं बाली और सुग्रीव को चिंपैंजी के लुक में दिखाए जाने पर भी विवाद हो रहा है. फिल्म में मानव कम बानर ज्यादा दिख रहे हैं.
बदलाव अच्छा होता है, लेकिन कुछ चीजों में बदलाव आपको भारी पड़ सकता है. यही हुआ है ओम राउत की आदिपुरुष के साथ. जिस रामायण की कहानी लोगों ने बचपन से सुनी है, उसी के साथ छेड़छाड़ कर दी गई. तुलसीदास की रामायण में मेघनाथ से युद्ध करते वक्त लक्षमण को शक्ति तीर लगा था, लेकिन फिल्म में लक्ष्मण को सांप काटता है. इसके अलावा सीता हरण हो या फिर राम का युद्ध कई सीन में बदलाव किए गए हैं.
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