बैतूल। छात्रा का दोष सिर्फ इतना था कि वह शिक्षकों के पास ट्यूशन नहीं गई तो शिक्षकों ने छात्रा को जहां अनुपस्थित बता दिया वहीं वह नियमित छात्रा के रूप में परीक्षा देने के बावजूद भी उसे अंकसूची प्रायवेट परीक्षा की दी गई। हैरान-परेशान छात्रा ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की लेकिन कोई मदद नहीं मिलने पर अंतत: छात्रा जनसुनवाई करने जिला मुख्यालय से 65 किमी. दूर भैंसदेही पहुंचे कलेक्टर अमनबीर सिंह की कार के सामने बैठ गई। कलेक्टर की कार के सामने बैठी छात्रा पूजा ने कहा कि जब तक उसकी समस्या का हल नहीं होगा वह यहां से हिलेगी भी नहीं। अंतत: कलेक्टर अमनबीर सिंह कार से उतरे और छात्रा से चर्चा करने के उपरांत 10 दिनों के भीतर उसकी समस्या दूर करने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर छात्रा कार के सामने से उठी।
समझौता करना धमकी दे रहे प्रिंसपल
पूजा मालवीय नाम की यह छात्रा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भैंसदेही की छात्रा है। उसने साल 2019 में इस स्कूल से कक्षा बारहवीं की परीक्षा दी थी। पूजा और उसके साथ की 33 छात्राएं यहां नियमित छात्र के तौर पर अध्ययनरत थी लेकिन जब उनकी मार्कशीट आयी तो उसमे छात्राओं को प्रायवेट परीक्षार्थी बताया गया था। छात्राओं ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की थी लेकिन उन्हें वहां से भी कोई राहत नहीं मिली। उल्टे स्कूल की प्रिंसिपल उन्हें समझौते के लिए धमकी देते रहे जिससे छात्राएं तंग हो गयी।
बोले कलेक्टर 10 दिनों में हल हो जाएगी समस्या
मंगलवार को कलेक्टर अमनबीर सिंह बैस ने भैसदेही में तहसील स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया था। जहां छात्राएं अपनी समस्या लेकर शिविर में हाजिर हुई थी। लेकिन वहां भी उन्हें कोई संतुष्टिप्रद जवाब नहीं मिला जिससे वे नाराज हो गयी। जब यहां शिविर के बाद कलेक्टर वापस रवाना होने लगे तो छात्रा वैशाली कलेक्टर की कार के सामने धरने पर बैठ गयी। उसने मांग की कि जब तक उसकी मार्कशीट रेगुलर की नहीं मिलेगी वह कार के सामने से नही हटेगी। छात्रा ने यहां तक कह दिया कि उसकी समस्या हल नहीं हुई तो वह कुछ भी कदम उठा लेगी। यहां छात्रा की नाराजगी देख कलेक्टर खुद कार से उतरे और फिर उन्होंने छात्रा को अपना नम्बर देकर कहा कि उनकी समस्या दस दिन में हल हो जाएगी। कलेक्टर का भरोसा मिलने के बाद छात्रा ने कलेक्टर का रास्ता रोका।
ऐसे नियमिति से स्वाध्यायी
बताया जा रहा है कि इस स्कूल की इन छात्राओं का यह मामला यहां पदस्थ तो शिक्षकों के कारण बिगड़ा है। ट्यूशन के झगड़े में छात्राओं के फार्म भरने में की गई अनियमितता की वजह से छात्राओं को रेगुलर की जगह प्राइवेट कर दिया गया। कलेक्टर ने इस मामले में प्रिंसिपल को शो काज नोटिस देने के निर्देश दिए है। छात्रा के मुताबिक उसने 9 वी से 12 तक कन्या स्कूल में रेगुलर पढ़ाई की है। यहां देशमुख और झरबड़े मैडम के यहां ट्यूशन जाने का झगड़ा था। दोनो ने कह रखा था की अगर उनके पास कोचिंग नही आएंगे तो वे उन्हें प्राइवेट करवा देंगे। इधर इस मामले के बाद अब छात्राओं की उपस्थिति पंजी की जांच करवाई जा रही है। जिससे यह सिद्ध होगा कि वे रेगुलर थी या नहीं?
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