भोपाल: अयोध्या (Ayodhya) की बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का विवाद सुलझने और राम मंदिर बनने के बाद अब उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जिले स्थित 16वीं शताब्दी की मुगलकालीन मस्जिद (Mughal Era Mosque) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की ओर से संभल के सिविल कोर्ट में दायर याचिका के बाद मंगलवार शाम को स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंध समिति के सदस्यों की मौजूदगी में सर्वेक्षण कराया गया.
कोर्ट ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की निगरानी में किए गए सर्वेक्षण के लिए अधिवक्ता रमेश राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. इस मामले में अब जमकर राजनीति हो रही है. संभल मामले में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भी बयान सामने आया है. धीरेंद्र शास्त्री से सवाल किया गया कि अयोध्या, मथुरा, काशी (Ayodhya, Mathura, Kashi) के साथ यूपी के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है.
इस पर भी हिन्दू पक्ष की ओर से दावा किया जाता है कि ये हर हरिहर मंदिर है. ये मामला कोर्ट में चल रहा है. हिन्दू पक्ष का कहना है कि ये मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई है? जवाब में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- ये मंदिर ही है. बाबर के समय कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई थीं. कानून अपना कार्य करे. कोर्ट जांच करवाए. अगर वहीं मंदिर निकरता है तो भगवान विष्णु और शिव की वहां स्थापना की जाए.
रही बात वहां एक लाख लोग जुटने की तो अगर वहां हिंदू होंगे और कायर नहीं होंगे तो ताकत दिखाएंगे. अगर जरूरत पड़ेगी तो हम भी जाएंगे. इधर, संभल में जामा मस्जिद में जुमे की नमाज को लेकर पुलिस अलर्ट पर है. DM और SP ने पुलिस और RAF, PAC के जवानों के साथ इलाके में पैदल मार्च किया. बता दें कि सर्वेक्षण के बाद से ही इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर मस्जिद जाने वाले दो में से तीन रास्तों को बंद कर दिया है.
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