चंड़ीगढ़। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (Sidhu Musewala murder case) में गिरफ्तार में तीनों आरोपियों (three accused) की निशानदेही पर पुलिस ने पिस्टल-कारतूस (pistol-cartridge) के अलावा हैंड ग्रेनेड और डेटोनेटर बरामद (Hand grenade and detonator recovered) किए हैं। आरोपियों ने खुलासा किया कि गोल्डी के कहने पर फिलहाल पंजाब की जेल में बंद बदमाश मोनू डागर ने सिरसा में उन्हें विस्फोटक व हथियार उपलब्ध करवाए थे। दरअसल गोल्डी बराड़ हर कीमत पर मूसेवाला को मारना चाहता था। प्रियव्रत ने खुलासा किया है कि मूसेवाला गोलियों से बच जाता तो उसके वाहन पर हैंड ग्रेनेड के साथ दूर से मार करने के लिए ग्रेनेड लॉन्चर का भी इंतजाम किया गया था। वारदात के समय सारे हथियार बोलेरो गाड़ी में ही थे। वारदात के बाद आरोपी इन हथियारों को हिसार ले गए।
प्रियव्रत ने बताया कि वह सीधे गोल्डी बराड़ के संपर्क में था। उसके कहने पर ही उसने अपनी टीम तैयार कर एक मॉड्यूल खड़ा किया। कशिश भी प्रियव्रत के कहने पर हत्याकांड में शामिल हुआ था। दूसरी ओर गैंग को आश्रय देने वाले केशव ने गोल्डी के इशारे पर रहने खाने-पीने और फरार कराने का इंतजाम किया था। पुलिस तीनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
प्रियव्रत पर हत्या के दो मामले
पुलिस के मुताबिक मूलरूप से गढ़ी-सिसाना, सोनीपत निवासी प्रियव्रत के खिलाफ हरियाणा में हत्या के दो मामले दर्ज हैं। एक मामले में वह वर्ष 2015 में गिरफ्तार हो गया था। इसके बाद उसने 2021 में सोनीपत में भी एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। मूसेवाला हत्याकांड में एक मॉड्यूल की कमांड प्रियव्रत के पास थी। उसके साथ अंकित सिरसा और दीपक भी मौजूद थे। घटना वाले दिन कशिश और प्रियव्रत फतेहगढ़ के एक पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में एक साथ दिखे थे।
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि कशिश के खिलाफ झज्जर में हत्या का एक मामला दर्ज है। वहीं मूलरूप से बठिंडा, पंजाब निवासी केशव कुमार ने गोल्डी के कहने पर प्रियव्रत और उसके शूटरों के लिए रहने का इंतजाम किया था। चूंकि केशव पंजाब का था। इसलिए सभी शूटरों ने हर बार केशव को साथ लेकर ही वारदात को अंजाम देने के लिए रैकी की थी। वारदात से पहले प्रियव्रत और उसके साथी केशव के पास ही मौजूद थे। जांच के दौरान पता चला कि केशव बठिंडा में 2020 में हत्या के मामले में शामिल रहा है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी और गोगी गैंग का गठजोड़ कई राज्यों के लिए चुनौती बन गया था। गैंग लगातार वारदात को अंजाम दे रहा था। इसे देखते हुए वर्ष 2021 में स्पेशल सेल ने लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग के खिलाफ मकोका का मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच के बाद पुलिस अब तक लॉरेंस बिश्नोई, राजकुमार उर्फ राजू, संपत नेहरा, रविंदर सिंह, जगदीप उर्फ जग्गू, प्रियव्रत उर्फ काला, राहुल उर्फ सांगा, नरेश सेठी, अनिल लीला, अक्षय, सचिन उर्फ भांजा, संदीप उर्फ काला जठेड़ी, विरेंद्र प्रताप उर्फ ताला राणा, ओम प्रकाश उर्फ काला, दीपक उर्फ टीनू और बिंटू उर्फ मिंटू को गिरफ्तार कर चुकी है।
मोनू डागर ने दिलवाए थे हथियार
आरोपियों ने मूसेवाला की हत्या को अंजाम बहुत ही पेशवर तरीके से दिया। हथियार किसी ने दिए थे, रैकी किसी और ने की और वारदात को किसी और ने अंजाम दिया था। पुलिस ने बताया कि मूसेवाला की हत्या के लिए गोल्डी बराड़ के कहने पर मोनू डागर ने सिरसा में शूटरों को हथियार दिए थे।
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