रामेश्वर धाकड़
भोपाल। मप्र भाजपा (MP BJP) के प्रभारी मुरलीधर राव (Muralidhar Rao) ने पार्टी के उन वरिष्ठ विधायक एवं सांसदों को सख्त को हिदायत दे दी है, जो 4-5 बार से चुनकर आ रहे हैं। इसके बावजूद भी संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे नेताओं को लेकर राव ने ‘नालायक’ जैसी टिप्पणी की है। राव के बयान से पार्टी में हड़कंप मचा है। साथ ही यह चर्चा शुरू हो गई है कि 2023 के विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में यदि राव की चली को पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है। भाजपा के 26 विधायक ऐसे हैं जो चौथी बार से लेकर आठवीं बार तक विधायक चुनकर आ रहे हैं। जिनमें स्पीकर, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री से लेकर मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक शामिल हैं।
चौथी बार के विधायक (11)
यशोधरा राजे (शिवपुरी), भूपेन्द्र सिंह(खुरई), गिरीश गौतम (देवतालाब),राजेन्द्र शुक्ल (रीवा), केदारनाथ शुक्ल (सीधी), नागेन्द्र सिंह(गुढ़),अजय विश्नोई(पाटन), देवसिंह सैय्यम (मंडला),देवेन्द्र वर्मा (खंडवा), महेन्द्र हार्डिया(इंदौर-5), ओम प्रकाश सकलेचा (जावद)।
पांचवीं बार के विधायक (6)
नागेन्द्र सिंह (नागौद), जयसिंह मरावी (जयसिंह नगर),मीना सिंह मांडवे(मानपुर), कमल पटेल (हरदा), शिवराज सिंह चौहान (बुधनी), प्रेम सिंह पटेल (बड़वानी)।
छठवीं बार के विधायक (5)
नरोत्तम मिश्रा (दतिया), गोपालाल जाटव (गुना),रामपाल सिंह (सिलवानी), पारस चंद्र जैन (इंदौर उत्तर), जगदीश देवड़ा (मल्हारगढ़)।
सातवीं बार के विधायक (3)
गौरीशंकर बिसेन (बालाघाट) ,करण सिंह वर्मा (इछावर),विजय शाह(खंडवा)।
आठवीं बार के विधयक
गोपाल भार्गव मप्र विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं जो लगातार आठवीं बार चुनकर विधानसभा पहुंचे।
संतुष्ट कोई नहीं
वरिष्ठ विधायक जो छठवीं-सातवीं बार तक विधायक बन चुके हैं, वे भी संतुष्ठ नहीं है। उन्हें मंत्री नहीं बनने का मलाल हैं। जबकि जो मंत्री हैं, वे भी संतुष्ठ नहीं है। उन्हें भी पॉवरफुल नहीं होने का मलाल है।
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