नई दिल्ली: वो कहावत आपने सुनी है ना- नाच ना जाने आंगन टेढ़ा. भारत से मिली हार के बाद उसकी बौखलाहट को बयां करने के लिए इतना काफी है. अब आप कहेंगे भला ये कैसे? मैदान पर तो सब बिल्कुल ठीक दिखा. पाकिस्तान मैच हारा जरूर. लेकिन उसके बाद की जो तस्वीरें सामने आईं उसमें भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी एक दूसरे से घुलते मिलते भी दिखे. तो हमें भी ये सब आंखों को सुकून देने वाला ही लगा. और हम यहां इस बारे में कुछ कह भी नहीं रहे. हमारा मकसद तो आपका ध्यान पाकिस्तानी टीम के डायरेक्टर मिकी आर्थर के बयान की ओर ले जाना है, जिसमें उन्होंने मैच हारने के बाद BCCI ही नहीं बल्कि ICC को भी लपेटे में लिया है.
अब आप सोच रहे होंगे कि पाकिस्तानी टीम के डायरेक्टर ने ऐसा क्या कह दिया. तो जनाब उन्होंने ICC और BCCI दोनों को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है. ऐसा उन्होंने भारत के हाथों पाकिस्तानी टीम के दांत खट्टे होने के बाद किया. मिकी आर्थर ने एक तरह से भारतीय क्रिकेट और इंटरनेशनल क्रिकेट की गवर्निंग बॉडी पर आरोप लगाया है. अब उन्होंने कहा क्या है वो जान लीजिए.
मिकी आर्थर ने निशाना साधते हुए कहा कि अहमदाबाद का माहौल देखकर लगा ही नहीं कि ये ICC का इवेंट है. ये BCCI का इवेंट ज्यादा लग रहा था, जैसे कोई बाइलेटरल सीरीज हो. हमें स्टेडियम में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का थीम सॉन्ग ‘दिल-दिल पाकिस्तान’ भी सुनने को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि इन सबने मैच में बड़ा रोल प्ले किया.
अब सवाल है कि क्या पाकिस्तान की हार की वजह फिर यही है? पाकिस्तानी टीम के डायरेक्टर ने ऐसा मानने से इनकार कर दिया. मतलब सबकुछ बोलकर भी ऐसा कुछ भी नहीं है वाला राग अलापते दिखे.
अब आप ही बताइए कि मिकी आर्थर की बातों को ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ या फिर ‘नाच ना आवे आंगन टेढ़ा’ जैसा ना समझा जाए तो और क्या समझें. वैसे पाकिस्तान के मलाल की वजह सिर्फ इतनी नहीं है कि वो भारत से हार गया. बल्कि वो भारत को फिर से एक बार वनडे वर्ल्ड कप में नहीं हरा पाया, उसे इसका भी मलाल है. समस्या ये है कि उसके पास हार का कोई सॉलिड बहाना भी नहीं. अब ऐसे में जो अहमदाबाद में दिखा पाकिस्तानी टीम के डायरेक्टर साहेब उसी को लेकर शुरू हो गए.
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