बेरूत. हिजबुल्ला (Hezbollah) ने शनिवार को चेतावनी दी कि अगर इस्राइल (Israel) के हमले (attacks) जारी रहे और लेबनान (Lebanon) की सरकार इन्हें रोकने में विफल रही तो चरमपंथी संगठन दूसरे विकल्प अपनाने पर मजबूर होगा। संगठन के उप प्रमुख नईम कासेम की यह टिप्पणी तब आई, जब इस्राइल ने नवंबर में हुए संघर्षविराम के बाद पहली बार लेबनान की राजधानी बेरूत पर हमला किया। उससे कुछ घंटे पहले लेबनान से इस्राइल की ओर दो रॉकेट दागे गए थे। हालांकि, हिजबुल्ला ने इन रॉकेट हमलों में संलिप्तता से इनकार किया। इस्राइली अधिकारियों की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
नईम कासिम शुक्रवार को यरूशलम दिवस (अल-कुद्स दिवस) के मौके पर भाषण देने वाले थे, जो आमतौर पर रमजान के अंतिम शुक्रवार को मनाया जाता है। लेकिन इस्राइली हमलों के कारण इसे टाल दिया गया। यरूशलम दिवस 1979 में ईरान के पहले सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी ने शुरू किया था। इस दिन ईरान और उसके सहयोगी फलस्तीनियों के समर्थ में रैलियां निकालते हैं और इस्राइल का विरोध करते हैं।
इस्राइल-हिजबुल्ला का युद्ध 14 महीने तक चला था। अमेरिका की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम के तहत युद्ध को समाप्त किया गया था। इस्राइली सेना को जनवरी के अंत तक लेबनान के पूरे क्षेत्र से पीछे हटना था। वहीं, हिजबुल्ला को लिटानी नदी के दक्षिण (जो इस्राइल की सीमा के करीब है) से अपनी सशस्त्र मौजूदगी खत्म करनी थी। यह समयसीमा 18 फरवरी तक बढ़ा दी गई थी। लेकिन इस्राइल अब भी पांच सीमावर्ती इलाकों में मौजूद है और उसने दक्षिण व पूर्वी लेबनान में कई हमले किए हैं।
पिछले हफ्ते, इस्राइली हवाई हमले में लेबनान के कई इलाकों में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि शुक्रवार को दक्षिणी गांव पर हुए एक हमले में तीन लोग मारे गए और 18 घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।
नई कासेम ने शनिवार रात टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, हमने पूरी तरह से समझौते का पालन किया और लिटानी नदी के दक्षिण में हमारी सैन्य मौजूदगी नहीं है। लेकिन इस्राइल ने इसका पालन नहीं कया। वह हर दिन आक्रामक हमले कर रहा है। उन्होंने कह, ये हमले सिर्फ (युद्धविराम समझौते) का उल्लंघन नहीं, बल्कि सीमा लांघने वाली आक्रामकता है। कासेम ने आरोप लगाया कि इस्राइल लेबनान पर दबाव बना रहा है कि वह उससे संबंध सामान्य करे, लेकिन हिजबुल्ला इसे पूरी तरह खारिज करता है।
कासेम ने कहा, इस्राइल जो युद्ध के दौरान हासिल नहीं कर सकता, वह शांति के समय में भी नहीं हासिल कर सकेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिजबुल्ला पूरी तरह से तैयार है और समझौते का पालन कर रहा है। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस्राइल समझौते का उल्लंघन करता रहा और लेबनान सरकार इसे राजनीतिक तरीके से लागू नहीं करा सकी, तो हिजबुल्ला अन्य विकल्प अपनाएगा। उनका इशारा इस ओर था कि हिजबुल्ला इस्राइली सेना के खिलाफ हथियार उठा सकता है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved