डेस्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने कहा कि वे ईरान से कोई दुश्मनी नहीं रखते हैं, लेकिन वे उसे परमाणु संपन्न देश नहीं बनने देंगे. रविवार को फॉक्स न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा अगर ईरान परमाणु हथियार बनाने में कामयाब होता है, तो इजराइल खत्म हो जाएगा. ट्रंप और दूसरे रिपब्लिकन नेताओं ने बाइडेन के ईरान पर नरम रुख पर उनकी आलोचना की है, उनका कहना है कि इस वजह से ईरान को अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों से बचने का मौका मिल रहा है. साथ ही रिपब्लिकन्स का ये भी तर्क है कि इस उदारता ने तेहरान को हमास को हथियार देने में सक्षम बनाया, जिससे 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला आसान हुआ.
ट्रंप ने 2018 में ईरान के साथ हुई 2015 JCPOA न्यूक्लियर डील से अमेरिका को बाहर कर लिया था. उस समय ट्रंप ने इस समझौते को ‘खराब सौदा’ कहा था, जो ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम और मध्य पूर्व में घातक गतिविधियों को रोकने में नाकाम रहा. इस डील को तोड़ने के बाद ट्रंप ने ईरान पर कई नए तेल निर्यात और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग जैसे प्रतिबंध लगाए थे. ट्रंप ने अपने कार्यकाल को याद करते हुए दावा किया कि चार साल पहले ईरान आर्थिक रूप से कमजोर था और उसके पास आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने या इजराइल पर हमला करने के लिए पैसे की कमी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान के पास अब 300 बिलियन डॉलर है, बता दें कि ये आकड़ा मौजूदा आंकड़ों की तुलना में काफी ज्यादा है. हालांकि ये बात सही है कि ईरान ने पिछले कुछ सालों में अपना तेल निर्यात बढ़ाया है.
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान ईरान करीब 3 लाख बैरल तेल बेच रहा था, जोकि उसके आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए काफी कम था. जो बाइडेन के पद संभालने के बाद ईरान ने अपने तेल निर्यात में लगातार वृद्धि की है. ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक अब ईरान प्रतिदिन 1.5 मिलियन बैरल तेल का निर्यात कर रहा है. जिससे वे सालाना करीब 30 बिलियन डॉलर की कमाई करता है, ये आकड़ा ट्रंप के 300 बिलियन डॉलर के आंकड़े से कही दूर है. चीन सालों से ईरान के तेल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है. ट्रंप और बाइडेन दोनों प्रशासन के प्रतिबंध चीन को ईरान से तेल खरीदने से रोकने में नाकाम रहे हैं. वहीं पिछले साल बाइडेन प्रशासन ने ईरान के इराक और साउथ कोरिया में फ्रीज हुई 16 बिलियन डॉलर की संपत्ति को भी अनफ्रीज करने का फैसला किया था.
ट्रंप ने ईरान की ओर भी दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए कहा, “मैं ईरान के साथ दुश्मनी नहीं रखना चाहता, मैं उनके साथ रहना पसंद करूंगा, लेकिन उनके पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते.” ट्रंप ने जून में भी कहा था कि वह ईरान से दुश्मनी नहीं चाह रहे हैं. कथित तौर पर ईरानी सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर करीबी नजर बनाए हुए है, खासकर ट्रंप की संभावित जीत को लेकर. ईरानी पर्यवेक्षकों का आमतौर पर मानना है कि हैरिस प्रशासन तेहरान के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा, क्योंकि यह प्रतिबंधों को सख्ती से लागू नहीं कर करेगा.
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