इंदौर। हाल ही में अपर कलेक्टर पवन जैन पर हुई कार्रवाई से अंदाजा लगा लो कि मुख्यमंत्री जरूरतमंदों की मदद को लेकर कितने सख्त हैं। मुझसे रहम की उम्मीद मत करना। काम नहीं किया तो दंड मिलेगा। बैठक में कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों को भी जिम्मेदारियां याद दिलाईं।
पहले काम नहीं किया, इसलिए मुख्यमंत्री को अभियान छेडक़र जरूरतमंदों की मदद करना पड़ रही है। यह सारी योजनाएं आज से नहीं पहले से संचालित हैं, लेकिन कर्मचारियों की कामचोरी है, जिसके कारण मुख्यमंत्री की फटकार भी सुनना पड़ रही है। मुख्यमंत्री जनसहायता शिविर की बैठक लेते हुए कलेक्टर ने सभी विभागों के आला अधिकारियों को आड़ेहाथों लिया। अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी जिम्मेदारियां सौंपीं। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के साथ तहसीलदार और पटवारी से आम जनता सीधे जुड़ी होती है।
अपनी परेशानियों को लेकर अधिकारियों के चक्कर काटती रहती है, लेकिन यदि ऑफिस में बैठे रहोगे तो काम कैसे करोगे। आधे दिन दौरा करो, जांच करो। बहुत चेता चुका, अब नहीं जागे तो कार्रवाई के लिए तैयार रहना। 10 मामले दिव्यांगों के पेंडिंग देखकर कलेक्टर ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जनकल्याण विभाग अधिकारी से जानकारी चाही तो वह नहीं बता पाए, जिस पर कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांग और महिलाओं के प्रकरणों को लेकर मुख्यमंत्री की सख्ती याद है ना। मुझसे रहम की उम्मीद मत करना।
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