तकरीबन रोजाना ही गाड़ियों के ब्रेक फेल होने से उनके दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरें आती रहती हैं। जरा सोचिए कि आप 80-100 किमी की रफ्तार पर ड्राइव कर रहे हों और आगे जा रहे वाहन से मात्र 10 मीटर की दूरी पर हों और अचानक ब्रेक लगाने पड़ जाएं और ब्रेक न लगें तो क्या होगा। ऐसे वक्त में अच्छे से अच्छे ड्राइवर का दिमाग काम करना बंद कर देगा। लेकिन ऐसे वक्त में होश खोने की बजाय समझदारी से काम लेना बेहतर है। ब्रेक फेल होने की स्थिति में आप चाहें तो मात्र 8 सेकंड में अपनी कार रोक सकते हैं। जानते हैं ऐसी आपात स्थिति में आपके लिए क्या हैं विकल्प…
आमतौर पर ब्रेक फेल होने से पहले ही गाड़ी कुछ संकेत देने लगती है। हालांकि कई बार हम नजरअंदाज कर देते हैं, जो जान पर भारी पड़ सकती है। आमतौर पर ब्रेक लगाने पर ब्रेक पैड आवाज करने लगते हैं, वहीं कई बार ब्रेक कैलिपर्स जाम होने लगते हैं। कई बार अचानक ब्रेक वायर टूट जाती है या फिर मास्टर सिलंडर लीक होने लगता है, जिससे ब्रेक्स को जरूरी दबाव नहीं मिल पाता। वहीं कई बार तो ब्रेक फ्यूल लीक होने लगता है। लेकिन ऐसे होने पर डैशलाइट पर वार्निंग लैंप जलने लगता है, जो संकेत है कि ब्रेक की सेहत ठीक नहीं है।
ऐसे रोके कार को
ऐसे हालात में जो सबसे पहला विकल्प है कि गाड़ी की गति को कम करके उसे नियंत्रित करें। बार-बार ब्रेक पैडल पर पांव मारें, कई बार होता है कि ऐसे करने से ब्रेक्स को समुचित दबाव मिल जाता है और ब्रेक काम करना शुरू कर देते हैं।
अगर गाड़ी टॉप गियर में चल रही है, तो उसे लोवर गियर में लेकर आएं। हो सके तो पहले गियर में लाएं। लेकिन अनुक्रम न तोड़ें, यानी सीधे पांचवे से पहले गियर पर न लाएं। न्यूट्रल में बिल्कुल भी न चलाएं क्योंकि इससे आप गाड़ी पर कंट्रोल नहीं रख पाएंगे।
कुछ लोग घबराहट में रिवर्स गियर लगा देते हैं, लेकिन ये बेहद घातक साबित हो सकता है। आपके पीछे आ रहा वाहन हादसे का शिकार हो सकता है।
दूसरों को संकेत दें
इस दौरान ध्यान रखें कि आपको केवल क्लच का इस्तेमाल करना है और एक्सलेटर का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें।
अगर आपकी कार ट्रैफिक में है, तो दूसरे लोगों को हॉर्न, हैजार्ड लाइट्स, इंडीकेटर और हेडलैंप्स-डिपर के जरिए आगे और आसपास के लोगों को संकेत दें। इससे जोखिम कम होगा।
कुछ एक्सपर्ट यह भी सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में गाड़ी का एयरकंडीशन को चालू कर दें। इससे इंजन पर दबाव बढ़ेगा और थोड़ी रफ्तार कम होगी। वहीं बाकी हेडलाइट्स, हैजार्ड लाइट्स जलाने से बैटरी की पावर सप्लाई कम होगी।
अगर आप किसी ऐसी जगह पर जहां साइड में रेत या मिट्टी आदि है, तो स्टीयरिंग व्हील पर कंट्रोल करते हुए रोड साइड में रेत या बजरी पर गाड़ी चढ़ा दें, इससे काफी हद तक स्पीड कम हो जाएगी।
हैंडब्रेक का इस्तेमाल
ऐसे मुश्किल हालात में हैंडब्रेक आपके लिए वरदान साबित हो सकता है, लेकिन उनके इस्तेमाल का तरीका भी आना चाहिए। देश में ज्यादातर बिकने वाली गाड़ियां मैनुअल हैंडब्रेक के साथ आती हैं। इस दौरान गियर बदलते समय हल्के हैंडब्रेक का इस्तेमाल करें। जब आपकी कार पहले गियर में आ जाए और रफ्तार 40 किमी प्रति घंटा के आसपास हो, तो आप सीधे हैंडब्रेक खींच कर रफ्तार को काबू कर सकते हैं। हाईस्पीड में हैंडब्रेक के तुरंत इस्तेमाल से बचें। कई बार अचानक हैंडब्रेक लगाने से पिछले पहिये लॉक हो जाते हैं और कार के पलटने का खतरा बना रहता है।
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