इंदौर। गांधी नगर क्षेत्र में राधास्वामी आश्रम के सामने दीपावली की रात्री में रमेश जाधव की हत्या के जिन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जुलूस निकाला उन आरोपियों ने रमेश के छोटे बेटे संजय का अपहरण भी किया था। संजय का कहना है कि उस दौरान पुलिस आरोपियों को पकडक़र कड़ी कार्रवाई कर देती और उनका जूलुस निकाल देती तो पिता की हत्या नहीं होती।
पुलिस का दावा है कि रमेश जाटव की हत्या में शामिल ढाबा संचालक अनिल चौधरी निवासी शंकर कॉलोनी, पंकज उर्फ भोला निवासी गांधी नगर, दीपक उर्प नाना, देवेंद्र, कृष्णा, राहुल और समीर उर्फ मोहसिन ने मिलकर हत्या की थी। छह आरोपियों को पकडक़र उनका जुलूस भी निकाला गया, जबकि दलित समाज के नेता मनोज परमार ने रमेश जाधव के परिजन के साथ आरोपियोंं कि तत्काल गिरफ्तारी और घर तोडऩे की मांग को लेकर थाने के सामने प्रदर्शन किया, तब जाकर पुलिस जागी और कार्रवाई की। रमेश के बेटे संजय का आरोप है कि अनिल चौधरी और उसके साथी क्षेत्र में नशा बिकवाते हैं।
वे युवाओं को नशे की लत भी लगवाते हैं, संजय को भी नशा बेचने के लिए विवश कर रहे थे, संजय ने नशा बेचने से मना किया तो उसका एक बार अपहरण कर उसे एक कमरे में बंद कर पीटा था। उस दौरान वह पुलिस के पास रिपोर्ट लिखाने गया तो पुलिस ने सुनवाई नहीं की। यही नहीं संजय का यह भी आरोप है कि उसके पास अपहरण के दौरान मारपीट के वीडियो और फुटेज हैं। पुलिस उस दौरान आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करती तो पिता रमेश की हत्या नहीं होती। पुलिस पर यह भी आरोप है कि हत्या के एक आरोपी को बचाया गया है और उसकी जगह एक अन्य नाबालिग लडक़े को आरोपी बनाकर पुलिस ने पेश किया है।
दो पुलिसवालों पर भी अपहरण का आरोप
संजय ने आरोप लगाया कि जिस दिन उसके पिता की हत्या हुई थी, उसके दो दिन पहले सुनील पाल और भावेश नामक गांधीनगर थाने के दो पुलिसकर्मी भी उसका अपहरण कर लोककल्याण कॉलोनी लेकर गए और उसके साथ जमकर मारपीट की। बाद में टीआई के सामने पेश कर दिया, जब पिता रमेश जाटव छुड़वाने के लिए थाने गए तो उनसे 50 हजार की मांग की गई। जिसके बाद कार्रवाई कर सीएसपी के सामने पेश कर जेल भेज दिया। जिन पुलिसवालों ने यह कृत्य किया उनकी बैठक हत्या के आरोपी अनिल चौधरी के ढाबे पर है।
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