नई दिल्ली। शुभ-अशुभ कामों को लेकर पंचक काल (Panchak Kaal) का ज्योतिष में बहुत ध्यान रखा जाता है। इन 5 दिनों में कोई शुभ काम जैसे- विवाहित बेटी की विदाई, नए काम की शुरुआत आदि भी नहीं की जाती है। वहीं पंचक काल में किसी व्यक्ति की मृत्यू (Death) होने को लेकर भी कई बातें कही गईं हैं। जानते हैं कि पंचक काल क्या होता है और इस दौरान किसी की मृत्यू होने पर क्या करना चाहिए।
कब होता है पंचक काल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चन्द्र ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद तथा रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करने का काल पंचक काल कहलाता है। इस तरह चन्द्र ग्रह का कुम्भ और मीन राशी में भ्रमण पंचकों को जन्म देता।
पंचक काल में वर्जित हैं यह काम
पंचक काल में कभी भी लकड़ी इकट्ठी करना या खरीदना, मकान पर छत डलवाना, दाह संस्कार करना, पलंग या चारपाई बनवाना और दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने को वर्जित किया गया है। मान्यता है कि यदि पंचक काल में किसी की मृत्यु हो जाए तो उसके साथ उसी के परिवार या खानदान में 5 अन्य लोगों की मौत भी हो जाती है। यदि 5 लोगों की मृत्यू न भी हो तो 5 परिजनों को किसी प्रकार का रोग, शोक या कष्ट हो सकता है।
पंचक में परिजन की मृत्यू होने पर करें यह उपाय
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं। Agnivan इनकी पुष्टि नहीं करता है।)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved