उज्जैन। मात्र 80 लाख रुपए में सीटी स्कैन मशीन आ गई और इसी की कमी के कारण उज्जैन के सैकड़ों लोग कोरोना की लहर में काल कवलित हो गए क्योंकि उनके पास सीटी स्कैन कराने के लिए 5 हजार रुपए नहीं थे जो कि घर में रहकर ही उपचार कराते रहे। यदि यह मशीन कुछ महीने पहले लग जाती तो लोगों की जान बच जाती। आज सुबह जिला अस्पताल में इस मशीन का उद्घाटन हुआ और भाषण भी हुए। लंबे समय से जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की आवश्यकता महसूस हो रही थी। इसके लिए भोपाल से आई 80 लाख की नई सीटी स्कैन मशीन का आज जिला अस्पताल परिसर में पुराने बच्चा वार्ड के पास शुभारंभ कर दिया गया। यहाँ मरीजों की 600 रुपए में सीटी स्कैन जाँच हो सकेगी जबकि प्रायवेट जाँच में यह खर्च 4 से 5 हजार रुपए तक आता है। कोरोना काल में सीटी स्कैन के जरिये बीमारी की जाँच डॉक्टर लिख रहे थे। उस दौरान जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन तो थी लेकिन भंगार होकर सालों से माधवनगर अस्पताल के ताले में बंद थी।
सरकारी अस्पताल की जाँच नहीं मानने वालों पर होगी कार्रवाई
कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए मंत्री मोहन यादव ने कहा कि सीटी स्कैन मशीन का जिला अस्पताल में शुरू होना लोगों के लिए एक सौगात है। यहाँ बीपीएल कार्ड तथा आयुष्मान कार्डधारियों की सस्ते में सीटी स्कैन हो सकेगी, वहीं प्रायवेट अस्पतालों में उपचाररत मरीजों को भी 25 प्रतिशत दर पर ही सीटी स्कैन सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि अगर प्रायवेट अस्पताल का कोई डॉक्टर या क्लीनिक संचालक जिला अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन की जाँच को कमीशन के चक्कर में मानता नहीं है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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