उज्जैन। पिछले सिंहस्थ में दो करोड़ 17 लाख रुपए की राशि खर्च कर चामुंडा माता मंदिर के ठीक सामने मेन चौराहे पर नगर निगम द्वारा बनवाए गए उद्यान परिसर में भगवान महाकाल की पालकी ले जाती प्रतिमाओं के अलावा सूर्य नमस्कार की विभिन्न मुद्राओं का प्रदर्शित करती प्रतिमाएं भी लगाई गई थी। लेकिन यह सभी प्रतिमाएं एक-एक कर टूटती जा रही है और नगर निगम ध्यान नहीं दे रहा है। शहर के आधे से ज्यादा उद्यानों को संवारने का दावा करने वाली स्मार्ट सिटी कंपनी भी इसे लेकर गंभीर नहीं है। सिंहस्थ 2016 में शहर के सौंदर्यीकरण के लिए मुख्य चौराहों पर 14 बड़ी रोटरियां लाल पत्थरों से बनाई गई थी। इसके अलावा तरणताल के समीप वाले उद्यान सहित चामुंडा माता चौराहे का भी सौंदर्यीकरण किया गया था। चामुंडा माता मंदिर के सामने से होकर फ्रीगंज ब्रिज तक जाने वाली सड़क के बीच लाल पत्थरों का डिवाईडर भी बनवाया गया था और मंदिर के ठीक सामने 2 करोड़ 17 लाख की लागत से उद्यान का विकास कराया गया था।
उद्यान में आधुनिक सुलभ शौचालय की सुविधा के साथ परिसर में भगवान महाकाल की सवारी को प्रदर्शित करती मूर्तियां लगाई गई थी। इसमें चार कहार कांधे पर भगवान महाकाल की रजत पालकी उठाकर चलते दिखाई देते हैं। वहीं उद्यान में एक ओर सूर्य नमस्कार के विभिन्न आसनों को प्रदर्शित करती एक दर्जन के लगभग मूर्तियां और बनाई गई थी। शुरूआत में दावा किया गया था कि नगर निगम इस सवा दो करोड़ी उद्यान का न केवल रखरखाव करेगा बल्कि समय-समय पर आवश्यकता अनुसार टूट-फूट आदि की मरम्मत भी कराएगा। परंतु मरम्मत तो दूर निगम के अधिकारियों ने इसकी सुध लेना तक बंद कर दिया है। यही कारण है कि सूर्य नमस्कार को दर्शाती प्रतिमाओं में से किसी का सिर गायब हो गया है तो किसी का हाथ, कांधा और पैर। मेन चौराहे के इस सुंदर उद्यान की दुर्दशा देख शहर के नागरिक हैरत कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी ने हाल ही में शहर के 142 उद्यानों को हस्तांतरित कर उन्हें विकसित करने का दावा किया है। परंतु चामुंडा माता मेन चौराहे के सवा दो करोड़ी उद्यान को लेकर स्मार्ट सिटी कंपनी भी कोई रुचि नहीं दिखा रही है।
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