उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में बिगड़े मौसम का असर महाकाल लोक (Mahakal Lok) पर भी पड़ा है। आंधी के कारम महाकाल लोक की कुछ मूर्तियां (some sculptures) गिर गई। घटना रविवार शाम 4 बजे की बताई जा रही है। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक सप्तऋषि की मूर्तियां गिरी हैं। प्रशासन की टीम (administration team) मौके पर पहुंच गई है। महाकाल लोक में सप्त ऋषि पीछे प्रतिमा हवा के कारण नीचे गिर पड़ी, जिनमें से एक मूर्ति की गर्दन टूट गई जबकि दो मूर्तियों के हाथ टूटे हैं। साथ ही कुछ मूर्तियों के माथे पर क्रेक भी आया है।
महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने की जानकारी लगते ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया और अन्य पदाधिकारी तुरंत महाकाल लोग पहुंचे जहां उन्होंने आरोप लगाया कि इन मूर्तियों के निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। घटना के बाद आम श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया। घटना के बाद प्रशासन में इतनी खलबली थी कि मीडिया को भी महाकाल लोक में जाने से रोका गया।
मूर्तियां लगाने के समय बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि यह मूर्तियां ना तो आंधी तूफान से खराब होंगी और ना ही इस पर बारिश का कोई असर पड़ेगा, लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस और प्लास्टिक की बनी इन मूर्तियों में पहली बारिश में ही टूट-फूट हो गई। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था। दो चरणों में बने श्री महाकाल लोक के प्रथम चरण में करीब 356 करोड़ रुपये का काम हो चुका है। कुल 855 करोड़ रुपये के काम किए जाना हैं।
जिस समय आंधी और बारिश का दौर आरंभ हुआ बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक में मौजूद थे। रविवार होने से वैसे ही भक्तों की संख्या ज्यादा ही थी। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। महाकाल लोक के बनने के बाद उज्जैन में दर्शनार्थियों की संख्या दोगुनी हो गई थी। सुबह के समय सांदीपनि आश्रम के सामने पुराना नीम का पेड़ गिरा था, जिसमें एक कार दब गई थी।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा है कि शहर में काफी तेज आंधी थी, कई पेड़ उखड़ गए हैं। महाकाल लोक में कुछ मूर्तियां गिरी हैं। सभी मूर्तियां एफआरपी की थी जिन्हें सुंदरता के दृष्टिगत सीमेंटेड नहीं किया गया था। सिर्फ यही मूर्तियां गिरी हैं, बाकि कहीं कुछ नहीं हुआ। घटना के समय महाकाल लोक में हजारों लोग उपस्थित थे। जल्द ही मूर्तियों को पत्थर की मूर्तियो में परिवर्तित किया जाएगा। इन मूर्तियों के 5 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कंपनी की है इसलिए कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि इन घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। यह भी देखा जाएगा कि बाकी मूर्तियों की जमावट ठीक है या नहीं।
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था, तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।
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