नई दिल्ली. गाजा (Gaza) में सीजफायर (ceasefire) को लेकर समझौते से इनकार करने के बाद हमास (Hamas) ने इजरायल (israeli) को चेतावनी दी है. बेरूत में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान हमास ने साफ शब्दों में कह दिया कि यदि गाज़ा में इज़रायल हमला जारी रखेगा तो कोई युद्धविराम नहीं होगा. हालांकि इससे पहले हमास ने अपना एक प्रतिनिधिमंडल काहिरा ज़रूर भेजा है, जिससे कि बातचीत का सिलसिला जारी रहे.
हमास ने सोमवार को बंधकों की रिहाई के लिए सशर्त युद्धविराम पर अपनी सहमति दे दी थी. लेकिन इज़रायल के कदम पीछे हटाने से युद्धविरम समझौता फिर से लटक गया है. हमास अधिकारी ओसामा हमदान ने इसके लिए सीधे तौर पर अमेरिका और इज़रायल को ज़िम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही कहा कि अब गेंद उनके पाले में है. फैसला इजरायल को लेना है.
वहीं हमास के आरोपों के बाद अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उसने कहा कि हमास ने ही युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. अमेरिका ने कहा कि मंगलवार को काहिरा में CIA निदेशक विलियम बर्न्स की मौजूदगी में बंधकों की रिहाई और युद्धविराम पर बातचीत फिर से शुरू हुई है. अब सबकी नजरें दोबारा शुरू हुई बातचीत पर टिकी हुई हैं.
हालांकि इस बीच इज़रायल का गाजा में हमले जारी है. रफाह में कई हवाई हमले किए. अब ज़मीनी हमले के लिए टैंक भी भेजने लगा. इससे पहले यहां के लोगों को रफाह खाली करने को भी कहा है. इस वजह से लोग फिर से पलायन को मजबूर हो गए हैं. वहीं अमेरिका का कहना है कि ये इज़रायल का सीमित ऑपरेशन प्रतीत होता है.
इससे पहले इजरायल ने हमास की सीज़फायर डील को मानने से इनकार कर दिया था. उसका कहना था कि हमास ने जिस डील पर सहमति जताई है वो इजरायली मांगों से कोसों दूर हैं. लिहाज़ा इज़रायल आगे की बातचीत के लिए वो एक प्रतिनिधिमंडल काहिरा भेजने की तैयारी कर रहा है. वहीं कतर विदेश मंत्रालय भी सीजफायर को लेकर कोशिशें कर रहा है.
उधर, इजरायल के तेल अवीव शहर में फिर से सैकड़ों की तादाद में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे. हाथों में बैन-पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए. प्रदर्शनकारी लगातार गाजा में इज़रायली बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. ये लोग प्रधानमंत्री नेतन्याहू से आग्रह कर रहे हैं को वो बंधकों की रिहाई के लिए हमास के साथ समझौता करें.
अपनी मांग को लेकर कहीं लोग रोड जाम कर प्रदर्शन करते नज़र आए तो कहीं सड़क पर लेट कर अपनी आवाज़ बुलंद कर हैं. इससे कि सरकार उनकी मांग को समझे. वहीं एक इजरायली अधिकारी ने कहा उन्होंने ये डील इसलिए स्वीकार नहीं की है क्योंकि इसका मसौदा उनकी तरफ से तैयार नहीं किया गया था. उधर हमास इजरायल पर शर्तें न मानने का आरोप लगा रहा है.
बताते चलें कि 7 अक्टूबर को हमास ने हमला कर 252 इजरायलियों को बंधक बनाया था. इसमें से पिछले साल एक सशर्त डील के तहत 100 से ज्यादा बंधकों को रिहा किया था. इसके बाद बाकी कि रिहाई के लिए काहिरा और दोहा में कई दौर वार्ता चली, लेकिन ये बेनतीजा रही. खास तौर पर अमेरिका, मिस्र और कतर इसके लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं.
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