इंदौर। ऐतिहासिक धरोहर लालबाग की जर्जर हो चुकी बाउंड्रीवॉल को गिराकर फिर से नए सिरे से बनाया जाएगा। पुरातत्व विभाग को सिंहस्थ मद से 47 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। इस राशि से लालबाग परिसर की बाउंड्रीवॉल बनाने के साथ ही लालबाग परिसर में अन्य सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाएंगे। खास बात यह है कि लालबाग परिसर स्थित रामपुर कोठी (पुराना आरटीओ) और लालबाग के बीच नई बाउंड्रीवॉल बनाई जाएगी, जिससे कि दोनों अलग-अलग हो जाएंगे। वहीं लालबाग परिसर में प्रवेश करने वाले लोगों से शुल्क वसूली करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।
पुरातत्व विभाग के उपसंचालक प्रकाश परांजपे के अनुसार बाउंड्रीवॉल बनाने का काम पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा। परांजपे कहते हैं कि रामपुर कोठी की जमीन पर देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित स्मारक बनाने का काम सरकार ने देवी अहिल्या स्मारक ट्रस्ट को सौंपा हैं, क्योंकि देवी अहिल्या स्मारक ट्रस्ट पुरातत्व विभाग का हिस्सा नहीं है, अत: लालबाग परिसर से रामपुर कोठी को अलग करने के लिए बाउंड्रीवॉल बनाई जाएगी, जिससे दोनों लालबाग और रामपुर कोठी के परिसर अलग-अलग हो जाएंगे।
मॉर्निंग वॉकर से शुल्क वसूलने की तैयारी
फिलहाल लालबाग परिसर में प्रवेश को लेकर किसी भी प्रकार का शुल्क सरकार द्वारा वसूला नहीं जाता है। सिर्फ लालबाग पैलेस के अंदर प्रवेश करने के लिए शुल्क की व्यवस्था है, लेकिन बाउंड्रीवॉल बनाने के साथ ही पुरातत्व विभाग यहां स्थित परिसर में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों से भी शुल्क वसूलने की योजना पर काम कर रहा है। लालबाग परिसर में सुबह के समय सैकड़ों की तादाद में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में युवा व बच्चे यहां खेलकूद व अन्य गतिविधियों के लिए आते हैं। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लालबाग परिसर को असामाजिक तत्वों से होने वाली क्षति से बचाने के लिए उक्त योजना पर विचार किया जा रहा है। परिसर में प्रवेश के लिए न्यूनतम शुल्क लगाया जाएगा। प्रतिदिन आने वाले लोगों के लिए मंथली पास पर विचार किया जा रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved