नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव (Balram Bhargava) ने वैक्सीन के बूस्टर शॉट (Vaccine Booster Shot) के बारे में कहा कि एक समय पर एक ही काम किया जाना चाहिए. पहले हमें टीकाकरण (Covid-19 Vaccination) को अपनी पूरी एडल्ट आबादी तक पहुंचाना होगा. इस समय सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर हो रही चर्चाओं में वैक्सीन के बूस्टर शॉट की कोई चर्चा नहीं है. उन्होंने कहा कि हर कोई वैक्सीन की पूरी डोज लगवाना चाहता है, और वैक्सीन की पूरी खुराक 2 डोज की है।
डॉ. भार्गव ने देश में 75 करोड़ टीके खुराक दिए जाने मौके पर खुशी जताते हुए कहा कि ये एक शानदार उपलब्धि है और इसका जश्न मनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में 75 करोड़ वैक्सीन की खुराक दी गई है, जिसमें 60 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्होंने एक डोज लगवाई है. 20 प्रतिशत लोगों ने दोनों डोज ली है – और ये अंतर भी जल्द ही भर जाएगा. उन्होंने कहा कि सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि वैक्सीन की उपलब्धता कितनी है और दूसरा लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए।
‘कोरोना के बारे में बच्चों को करें जागरूक’
बच्चों के टीकाकरण के बारे में उन्होंने कहा कि स्टाफ का पूरी तरह टीकाकरण किया जाना चाहिए. एसओपी का पालन होना चाहिए और हर दिन बच्चों को कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में बताया और जागरूक किया जाना चाहिए. स्कूल खोलने का यह एक बेहतर तरीका है. बच्चों के लिए जायडस कैडिला की वैक्सीन के बारे में डॉ. भार्गव ने कहा कि ब्रिटेन का एक अच्छा उदाहरण हमारे सामने हैं. उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए आयुवर्ग को पहले कुछ हफ्तों तक 18 से 17 वर्ष तक रखा और कुछ हफ्तों बाद 17 से 16 कर दिया. ये एक अच्छा उदाहरण है और हम इससे सीख सकते हैं. अपना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में हम 94 करोड़ की पूरी एडल्ट पॉपुलेशन को टीका लगाने की कोशिश कर रहे हैं. हमने 75 करोड़ लोगों को टीके की पहली खुराक दे दी है. एक बार टीकाकरण इसी रफ्तार से कुछ महीने और चला तो हम टारगेट का हासिल कर सकते हैं. फिर उसके बाद हम उम्र वर्ग पर फैसला ले सकते हैं।
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