नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। कोरोना के नए मामलों और रोजाना होने वाली मौतों के आंकड़ों ने दुनियाभर का रिकॉर्ड तोड़ दिया, हालांकि अब कोरोना के नए मामलों में कमी आ रही है, लेकिन मौतों का आंकड़ा अब भी अधिक है। इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अपने एक शोध में दावा किया है कि दूसरी लहर (Covid 19 Second Wave) के पीछे जिम्मेदार माने जा रहे कोरोना वायरस के म्यूटेंट (Coronavirus Mutant) को विदेशी यात्री भारत लाए। इसके बाद यह म्यूटेंट वायरस प्रवासी मजदूरों और धार्मिक आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों के जरिये देश भर में फैला।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईसीएमआर के शोध में कहा गया है कि शुरुआती दौर के कोरोना संक्रमण के प्रसार का मुख्य रूप से प्रवासी मजदूरों के आवागमन और धार्मिक आयोजनों से पता लगाया जा सकता है। प्रारंभिक चरण के नमूनों से सार्स सीओवी-2 वैरिएंट में देखे गए अमीनो एसिड म्यूटेशन की स्वतंत्र पहचान मौजूदा समय में फैल रहे स्ट्रेन के बढ़ने को दर्शाती है।
आईसीएमआर ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस के तीन वैरिएंट बी.1.1.7, वैरिएंट ऑफ कंसर्न और बी.1.351 मिले थे. इन वैरिएंट को लेकर स्थिति काफी चिंताजनक थी क्योंकि ये रोग प्रतिरोधी क्षमता को धोखा देने और तेजी से फैलने की क्षमता रखते हैं। हाल ही में भारतीय सार्स सीओवी 2 वायरस सीक्वेंस में बी.1.617 के साथ सार्स सीओवी 2 के स्पाइक प्रोटीन में ई484क्यू और एल452आर नामक म्यूटेशन मिले हैं। ये म्यूटेशन तेजी से प्रसारित होते हैं।
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