तेल अवीव। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश में फिलिस्तीनी क्षेत्र में इस्राइल की उपस्थिति गैरकानूनी बताई है। इस पर इस्राइल ने कहा कि न्यायालय यह स्पष्ट करें कि उसकी प्रकाशित राय एक सलाहकार राय है और कानूनी तौर पर उनको बाध्य नहीं करती। इस्राइल ने इसे मौलिक रूप से गलत ठहराया।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय न्यायालय आईसीजे ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इस्राइल निरंतर उपस्थिति गैरकानूनी है। इसे जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उसे बस्तियों के निर्माण को तुरंत समाप्त कर, मौजूदा बस्तियों को हटाना चाहिए। इस्राइल विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओरेन मार्मोरस्टीन ने कहा कि इस्राइल आईसीजे की सलाहकार राय को अस्वीकार करता है, जो इस्राइल-फिलिस्तीनी संघर्ष के बारे में दी गई थी।
इस्राइल विदेश मंत्रालय ने कहा कि दुर्भाग्य से न्यायाल की राय मौलिक रूप से गलत है। यह राजनीति और कानून को एक करती है। यह राय न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के गलियारों की राजनीति को हेग में आईसीजे के न्यायालयों में शामिल करती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट होना आवश्यक है कि न्यायालय की प्रकाशित राय सलाहकारी राय है, और यह राय उन्हें कानूनी रूप से बाध्य नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि इस कदम की पहल करने वाले फिलिस्तीनी प्राधिकरण की दिलचस्पी शांति में नहीं है वे इस्राइल पर कीचड़ उछालने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि शांति केवल पक्षों के बीच सीधी बातचीत के माध्यम से ही हो सकती है। ताकि फिलिस्तीनी प्राधिकरण अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरणों का रुख करके इस वास्तविकता से बच नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि आईसीजे की राय एकतरफा है।
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