लंदन: आईसीसी चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने चेताया है कि घरेलू टी20 लीगों की बढ़ती संख्या से द्विपक्षीय सीरीज छोटी होती जा रही है. इस कारण अगले दशक में इससे टेस्ट मैचों की संख्या में कटौती हो सकती है. नवंबर 2020 में आईसीसी चेयरमैन बने बार्कले ने कहा कि अगले साल से शुरू हो रहे अगले फ्यूचर टूर प्रोग्राम को तय करते समय आईसीसी को बड़ी दिक्कतें आएंगी. उन्होंने इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच के दौरान बीबीसी के टेस्ट मैच स्पेशल कार्यक्रम में कहा कि हर साल महिला और पुरुष क्रिकेट का एक टूर्नामेंट है. इसके अलावा घरेलू लीग बढ़ती जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘इसके दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम होंगे. खेलने के अनुभव के नजरिए से भी और उन देशों के राजस्व पर भी, जिन्हें ज्यादा खेलने के मौके नहीं मिलते खासकर भारत, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ.’ उन्होंने कहा कि अगले 10-15 साल में टेस्ट क्रिकेट खेल का अभिन्न हिस्सा तो रहेगा, लेकिन मैचों की संख्या कम हो सकती है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों पर इसका असर नहीं पड़ेगा.
बार्कले ने यह भी कहा कि महिला क्रिकेट में टेस्ट फॉर्मेट का उतनी तेजी से विकास नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए घरेलू ढांचा उस तरह का होना चाहिए, जो अभी किसी देश में नहीं है. मुझे नहीं लगता कि महिला क्रिकेट में टेस्ट फॉर्मेट का उतनी तेजी से विकास हो रहा है. मालूम हो कि भारतीय महिला टीम भी टेस्ट के कम ही मुकाबले खेलती है.
आईसीसी ने टेस्ट को रोमांचक बनाने के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप शुरू की है. पहले सीजन का फाइनल न्यूजीलैंड ने जीता था. वहीं दूसरा चरण अभी चल रहा है. इसका फाइनल 2023 में होगा. आईसीसी अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए हर साल एक बड़ा इवेंट आयोजित करने की प्लानिंग कर चुका है. वहीं हर देश बड़े देश में टी20 लीग का आयोजन किया जा रहा है.
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