डेस्क। दिल्ली हाई कोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोग की याचिका पर निलंबित ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट अगली सुनवाई 26 नवंबर को करेगा। यूपीएससी ने याचिका दायर कर दावा किया है कि पूजा खेडकर ने अपनी याचिका में गलत दावा किया था कि उसे उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश नहीं दिया गया था। यूपीएससी ने याचिका में कहा कि उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के संबंध में उन्हें उनकी पंजीकृत मेल आईडी पर सूचित किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष पूजा खेडकर गलत दलील दी थी।
केंद्र सरकार ने सात सितंबर को आदेश जारी कर पूजा खेडकर को आईएएस सेवाओं से मुक्त कर दिया था। केंद्र सरकार के आदेश में कहा गया था कि आदेश में कहा गया कि आईएएस नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से मुक्त कर दिया है।
केंद्र सरकार ने अपने आदेश में बताया था कि पूजा खेडकर ने ओबीसी वर्ग के तहत आवेदन किया था। ओबीसी वर्ग के लोगों को आईएएस परीक्षा में अधिकतम नौ बार परीक्षा देने का अधिकार है। पूजा ने 2012 से 2020 के बीच नौ बार परीक्षा दी थी और उन्हें इसके बाद परीक्षा देने का अधिकार नहीं था। इसके बावजूद उन्होंने आगे भी परीक्षा दी और 2023 में इसे पास करने में सफल रहीं। हालांकि, नियमों के अनुसार वह 2023 में परीक्षा में बैठने के योग्य नहीं थीं। इस वजह से उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई।
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