भोपाल। आयकर विभाग ने ई-टेंडर घोटाले में मंगलवार को भोपाल में जिस अर्नी इंफ्रा फर्म के मालिकों के घर और दफ्तर पर छापेमारी की है उसमें एक चौंकाने वाली जानकारी समने आई है। अर्नी इंफ्रा के एकाउंट से प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खाते में 59 लाख 50 हजार रुपए गए हैं। जबकि अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी के पिता के खाते से अन्य 40 लाख रुपए आईएएस के खाते में पहुंचे हैं। आईएएस का दावा है कि उन्होंने ठेकेदार की बहन को भोपाल में अपना एक प्लाट बेचा है। आदित्य त्रिपाठी को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी का आरोप है कि आदित्य त्रिपाठी के जरिए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत दी गई है।
मंगलवार को आयकर विभाग ने मेंटाना ग्रुप के चेयरमेन श्रीनिवास राजू मेंटाना और उसके सहयोगी अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी के भोपाल और हैदराबाद स्थित लगभग 22 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके पहले 7 जनवरी को प्रवर्तन निर्देशालय की टीम इनके यहां छापे मार चुकी है। 20 जनवरी को ईडी ने राजू मेंटाना और आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ईडी ने प्रेस नोट जारी कर कहा था कि मध्य प्रदेश के करोड़ों के ठेके मेंटाना ग्रुप ने लिए हैं। लगभग 93 करोड़ के ठेके मेंटाना ने आदित्य त्रिपाठी को दिए। आदित्य त्रिपाठी का भोपाल में बड़ा दफ्तर है लेकिन न केवल यह दफ्तर खाली है बल्कि इसमें कर्मचारी भी नहीं है। ऐसा लगता है कि मेंटाना ग्रुप ने ई-टेंडर घोटाले को मैनेज करने और प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए आदित्य के जरिए गलत तरीके से नगदी की व्यवस्था की है।
IAS पर सवाल
जिस समय मेंटाना ग्रुप को ठेके मिल रहे थे उस विभाग के प्रमुख आईएएस रहे अधिकारी ने बकायदा केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से अनुमति लेकर भोपाल में अपना एक प्लाट 1 करोड़ 13 लाख रुपये में अंजलि त्रिपाठी नामक महिला को बेचा है। खास बात यह है कि अंजलि के पिता श्याम त्रिपाठी के खाते से 11 सितंबर 2018 को आईएएस अधिकारी के खाते में 40 लाख रुपए आए। इसके बाद लगभग 60 लाख रुपए अर्नी इंफ्रा के खाते से निकाले गए जो आदित्य त्रिपाठी, ऊषा श्याम त्रिपाठी, श्याम त्रिपाठी के खाते में घूमकर आईएएस के खाते में पहुंचे हैं। बताया जाता है कि इस पूरी मनी ट्रेल को जांच एजेंसियों ने पकड़ा है जिसकी पड़ताल चल रही है।
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