• img-fluid

    फि‍र सुर्खियों में आए आईएएस अशोक खेमका, रॉबर्ट वाड्रा-DLF सौदे की जांच धीमी होने पर उठाया सवाल

  • April 07, 2024

    चंडीगढ़ (Chandigarh) । वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (Senior IAS officer Ashok Khemka) ने शनिवार को हरियाणा (Haryana) में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार (previous congress government) के दौरान भूमि सौदों (land deals) में कथित अनियमितताओं की जांच में ‘धीमी’ प्रगति पर सवाल उठाया है. हरियाणा-कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘शासक की मंशा कमजोर क्यों है? प्रधानमंत्री द्वारा 2014 में देश से किया गया वादा याद रखा जाना चाहिए. वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच धीमी क्यों है? 10 साल हो गए. और कितना इंतजार करना होगा. ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में है. पापी मजे कर रहे हैं.’

    अशोक खेमका 2012 में तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने गुरुग्राम-शिकोहपुर के मानेसर में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और रियल स्टेट सेक्टर की दिग्गज कंपनी डीएलएफ के बीच 3.5 एकड़ भूमि सौदे के म्यूटेशन को रद्द कर दिया था. बता दें कि म्यूटेशन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया का हिस्सा है. उन्होंने तब हरियाणा सरकार पर उन्हें इस फैसले के लिए प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था. उस समय खेमका जोत और भूमि अभिलेखों के चकबंदी के महानिदेशक थे. बता दें कि अशोक खेमका वही आईएएस अफसर हैं, जिनका 30 साल के कार्यकाल में 56 बार तबादला हो चुका है.


    बीजेपी ने चुनावों में वाड्रा-DLF डील को बनाया था बड़ा मुद्दा
    साल 2012 में आईएएस अधिकारी द्वारा लिए गए इस फैसले के समय भूपिंदर सिंह हुडा हरियाणा के मुख्यमंत्री थे. तब भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में तत्कालीन कांग्रेस शासन के दौरान भूमि सौदों में अनियमितताओं का आरोप लगाया था और इसे 2014 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था. वहीं कांग्रेस, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और रॉबर्ट वाड्रा मामले में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार करते रहे हैं. भाजपा ने 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को कमर्शियल लाइसेंस देने से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए 2015 में न्यायमूर्ति एसएन ढींगरा (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया था.

    ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पब्लिक करने पर कोर्ट ने लगाया रोक
    हालांकि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी, 2019 को प्रक्रियात्मक अनियमितताओं का हवाला देते हुए ढींगरा जांच आयोग की रिपोर्ट को रद्द कर दिया था और सरकार को इसे सार्वजनिक करने से रोक दिया था. वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका ने अप्रैल 2023 में भी इस मामले में वित्तीय लेनदेन की जांच को लेकर सरकार द्वारा गठित की गई नई SIT पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा था, ‘क्या घोटाले सिर्फ चुनावी मुद्दे तक सीमित रहेंगे? जो घोटाले 2014 में मुख्य चुनावी मुद्दे बने, 9 साल बाद किसे दंड मिला? करोड़ों खर्च हुए, लेकिन कमीशन (ढींगरा आयोग) फेल निकले. अब क्या पुलिस तहकीकात का भी यही हश्र होगा? जिन्हें कठघरे में होना चाहिए था, वही हाकिम बने हुए हैं. ये कैसी न्याय नीति?’

    Share:

    राजस्थान के लोगों को Article 370 से क्या लेना? खरगे के इस बयान पर भड़के शाह

    Sun Apr 7 , 2024
    नई दिल्‍ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)के लिए पहले चरण की वोटिंग (phase voting)19 अप्रैल को होने वाली है। चुनाव प्रचार (Election Campaign)का आगाज हो चुके है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कमान संभाली है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी विपक्ष पर […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved