भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ एक बार फिर कहा है कि उन्हें पद की कोई लालसा नहीं है। संगठन में उन्हें पद मिले या नहीं वे मप्र नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी मैडम (सोनिया गांधी) से नियमित बात होती है, वे जहां जो निर्देश दे रही हैं, मैं उसे भी निभा रहा हूं। मीडिया से चर्चा में कमलनाथ ने कहा – झारखंड में सरकार पर संकट हो या फिर कर्नाटक में पार्टी पर, सबको सुलझाऊंगा पर मध्यप्रदेश नहीं छोडूंगा। पद रहे या न रहे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। कमलनाथ ने कृषि कानूनों से सिर्फ व्यापारियों को फायदा होगा। नए कृषि कानूनों को लेकर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यापारी तभी व्यापार करने आएगा, जब उसको मुनाफा होगा। मुनाफा वो किसान से ही तो कमाएगा। यह बात किसान समझ रहे हैं इसलिए पूरी ताकत से मैदान में डटे हैं। किसानों के आंदोलन का असर हरियाणा में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में नजर आएगा। यहां भाजपा को दो सीट भी नहीं मिलेगी। नाथ ने कहा, झारखंड के 11 विधायकों को तोड़ा जा रहा था। इनमें से चार एक होटल थे। मैंने हेमंत सोरेन से बात की, मामला सुलझ गया। सरकार गिरने से बच गई। इसी तरह कर्नाटक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रहे मतभेद सुलझााने के लिए दो-तीन दिन में बेंगलुरु भी जाऊंगा। पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि महासचिव तो कई साल पहले था। मैंने अपनी बात शीर्ष नेतृत्व के सामने रख दी है। जहां तक बात मध्य प्रदेश छोडऩे की है तो यह स्पष्ट है कि मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।
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