भोपाल (Bhopal)। जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज (Jagadguru Rambhadracharya Maharaj) ने राजधानी भोपाल (Bhopal) के बीएचईएल दशहरा मैदान पर मंगलवार से शुरू हुई श्रीराम कथा (Shri Ram Story) के पहले दिन एक प्रण किया। उन्होंने कथा के दौरान कहा कि जब तक भोपाल का नाम भोजपाल (Name of Bhopal Bhojpal) नहीं हो जाता, तब तक अगली कथा करने के लिए यहां नहीं आऊंगा।
उन्होंने कहा कि भोजपाल नगरी के राजा भोज पालक थे। जब सरकार होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम कर चुकी है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो गया है। फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है, तो भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल क्यों नहीं किया जा सकता? मैं अपने अनुज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहूंगा कि विधानसभा चुनाव के पहले इसका नाम बदल दें।
जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु हैं। पं. धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की चुनौती के बाद से मीडिया की सुर्खियों में छाए हुए हैं। भोपाल के बीएचईएल दशहरा मैदान में मंगलवार से शुरू हुई नौ दिवसीय श्रीराम कथा 31 जनवरी तक चलेगी। कथा की शुरुआत सीताराम संकीर्तन से हुई। श्रीराम कथा के दौरान जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि वे अभी तक 1360 कथा कर चुके हैं। भोपाल में होने वाली कथा 1361वीं है। उन्होंने कहा कि मैं एक ही चौपाई पर नौ दिन तक कथा कहूंगा। यह चौपाई उत्तरकांड के दशवें अध्याय की पांचवीं पंक्ति में है।
रामभद्राचार्य महाराज ने कथा के दौरान युवाओं को सही दिशा और मार्गदर्शन देने की बात कहते हुए कहा कि लव जिहाद के नाम पर हिंदू लड़कियों को फंसाया जा रहा है। युवाओं को सही दिशा और मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। युवाओं को राम के पथ पर चलने की जरूरत है। किसी को चेहरे से नहीं अपने चरित्र से प्रभावित करो।
उन्होंने कहा कि मैं जो बात कहता हूं पूरे दम से जिम्मेदारी के साथ कहता हूं और वह पूरी होती है। मैंने कहा था कि रामजन्म भूमि का फैसला हमारे पक्ष में आएगा। कश्मीर से धारा 370 हटी, तीन तलाक खत्म हो गया। पीओके दुनिया के नक्शे से समाप्त होना चाहिए, यह हमारा है और उसे हम लेकर रहेंगे। जिसको राष्ट्र की पूरी अखंडता चाहिए, वही हमारी कथा में आए। त्रेतायुग में विश्वामित्र के बाद 1008 कुंडीय यज्ञ हमने किया।
भोपाल पहुंचने पर जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज का विमानतल पर गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश दास महाराज, आयोजन समिति के अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, उपाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, नारायण सिंह परमार सहित मेला समिति के सभी पदाधिकारियों और गणमान्य नागरिकों ने फूल माला और रामनामी पहनाकर स्वागत सत्कार और अगवानी की। (एजेंसी, हि.स.)
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