कराची। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) ने रविवार को सत्ता की साझेदारी के लिए समीकरणों (equations) का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उन्हें यह पेशकश की गई थी कि प्रधानमंत्री (Prime Minister) का पद उनकी पार्टी और पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के बीच साझा किया जाएगा।
शनिवार को चार बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टियों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में दोनों पार्टियों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई, लेकिन उन्होंने अभी तक किसी भी तरह की कोई घोषणा नहीं की है। दोनों पार्टियों की तरफ से सरकार के गठन को लेकर भी कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
बिलावल भुट्टों ने सत्ता की साझेदारी के लिए समीकरणों का किया खुलासा
पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने 265 में से 93 सीटें जीतीं। वहीं, पीएमएल-एन ने 75 और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने 54 सीटें जीतने में कामयाब रही। बता दें कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान भी अपनी 17 सीटों के साथ नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो का समर्थन करने पर सहमत हो गया है।
सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में लड़ी गई 265 सीटों में से 133 सीटें जीतनी होंगी। सिंध प्रांत के थट्टा शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए 35 वर्षीय पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने अपनी पार्टी को पेश किए गए सत्ता-साझाकरण फॉर्मूले का खुलासा किया, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया।
बिलावल भुट्टों ने कहा, ‘मुझे कहा गया कि तीन वर्षों के लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनने दिया जाए, इसके बाद दो वर्षों के लिए हम प्रधानमंत्री पद ले लें। मैंने मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं इस तरह से प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं। मैं प्रधानमंत्री तब बनूंगा जब पाकिस्तान की जनता मुझे चुनेंगी।’
उम्मीदवारों को जबरदस्ती जिताने का आरोप
बिलावल ने कहा कि देश को ऐसे पीएम की जरूरत है जो जनता की परेशानियों के बारे में बात करें। उन्होंने आगे कहा, ‘सभी राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों को अपना स्वार्थ छोड़कर देश की जनता के बारे में पहले सोचना चाहिए।’ उनकी यह टिप्पणी रावलपिंडी के आयुक्त लियाकत अली चट्ठा के उस आरोप के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि शहर में जो उम्मीदवार चुनाव हार रहे थे, उन्हें जिताया गया था।
इस्तीफा देने से पहले लियाकत अली चट्ठा ने दावा किया कि रावलपिंडी के 13 उम्मीदवारों को जबरदस्ती विजेता घोषित किया गया है। उनके इन दावों के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने जांच शुरू कर दी है। पूर्व पीएम इमरान खान की पीटीआई पार्टी ने आठ फरवरी के चुनावों में धांधली होने के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।
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