गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा (Chief Minister Dr. Himanta Biswa Sarma) ने कहा है कि अगर उनकी गिरफ्तारी से असम-मिजोरम सीमा विवाद (Assam-Mizoram border dispute) का समाधान हो जाता है, तो उन्हें बहुत खुशी होगी।
डॉ सरमा ने कहा कि अगर असम-मिजोरम सीमा विवाद में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से इस मुद्दे को सुलझाने में मदद मिलेगी, तो वह खुश होंगे और पैदल पुलिस स्टेशन जाएंगे। मुझे बहुत खुशी होगी अगर मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से असम-मिजोरम सीमा विवाद सुलझ सकता है। अगर पुलिस मुझे नोटिस देती है तो मैं जाकर जांच में शामिल हो जाऊंगा। मैं सिलचर से वैरांगटी जाऊंगा और जांच में शामिल होऊंगा। अगर मिजोरम पुलिस मुझे गिरफ्तार करती है, तो मैं गौहाटी उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत लेने नहीं जाऊंगा।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 26 जुलाई से मिजोरम के अपने समकक्ष जोरामथांगा को करीब 18 से 20 बार फोन किया था और वे उनके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। कहा कि अगर मुख्यमंत्री जोरमथांगा मुझे फोन करते हैं तो मैं निश्चित रूप से जवाब दूंगा और उनकी हर संभव मदद करूंगा लेकिन, उन्होंने मुझे फोन नहीं किया।
जांच के बारे में सीएम डॉ सरमा ने कहा कि जीवन के नुकसान के मामले में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवार इसको बंद करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए बेहतर होगा कि मामले की जांच असम या मिजोरम पुलिस नहीं बल्कि, किसी तीसरे पक्ष द्वारा की जाए।
मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने यह भी कहा कि अगर मिजोरम पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है, तो करे। मैं अंतरिम जमानत नहीं मांगूंगा। मुझे अपने अधिकारियों की सुरक्षा के लिए गिरफ्तार होने में कोई फर्क नहीं पड़ता।
सीमा विवाद को लेकर मिजोरम पर केस दर्ज करने को तैयार असम के मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने न्यूट्रल फोर्स से इस मामले को अपने हाथ में लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि असम भी 10-15 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करेगा। इसके लिए वकील आवश्यक दस्तावेज बना रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि असम मिजोरम के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी करेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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