नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली एशिया कप से वापसी कर रहे हैं. उन्होंने क्रिकेट से ब्रेक लिया था. इसी वजह से कोहली वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे दौरे पर टीम इंडिया के साथ नहीं गए थे. अब वो रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के अहम मुकाबले से भारतीय टीम में कमबैक करेंगे.
केवल कोहली ही नहीं, बल्कि हर भारतीय क्रिकेट फैंस यही उम्मीद कर रहा है, उनका खराब दौर जल्दी खत्म हो और इसे खत्म करने का पाकिस्तान के खिलाफ हाई वोल्टेज मुकाबले से बेहतर मौका कहां मिलेगा. हालांकि, इस मैच से पहले कोहली ने खुद से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि वो क्रिकेट से ब्रेक लेने से पहले मानसिक तौर पर खुद को परेशान महसूस कर रहे थे.
विराट कोहली के बल्ले से इंटरनेशनल क्रिकेट में पिछला शतक नवंबर 2019 में निकला था. इसके बाद से वो किसी भी फॉर्मेट में सैकड़ा नहीं जड़ पाए हैं. वो अच्छी तो शुरुआत तो कर रहे हैं, लेकिन उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पा रहे हैं. पूर्व भारतीय कप्तान ने आईपीएल 2022 और इंटरनेशनल क्रिकेट की पिछली 22 पारियों में सिर्फ एक बार 50+ स्कोर किया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कोहली एशिया कप से अपने पुराने रंग में लौटेंगे.
एक महीने नहीं पकड़ा था बल्ला: कोहली
कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले महामुकाबले से पहले स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने ब्रेक के दौरान पिछले एक महीने में एक बार भी बल्ला नहीं पकड़ा. वो काफी थकान महसूस कर रहे थे. कोहली ने कहा, ’10 साल में पहली बार, मैंने एक महीने तक अपना बल्ला नहीं पकड़ा. मुझे पता चला कि मैं बीते कुछ समय से अपने जुझारूपन को गलत तरह से बनाए रखने की कोशिश कर रहा हूं. मैं अपने आप को मना रहा था कि नहीं मेरे पास वो जोश और जज्बा है, लेकिन आपका शरीर आपको रुकने के लिए कह रहा है. मेरा दिमाग मुझसे कह रहा था कि ब्रेक लो और आराम करो.’ इससे जुड़ा एक वीडियो बीसीसीआई ने शेयर किया है.
Up close and personal with @imVkohli!
Coming back from a break, Virat Kohli speaks about the introspection, the realisation and his way forward! 👍
Full interview coming up on https://t.co/Z3MPyeKtDz 🎥
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— BCCI (@BCCI) August 27, 2022
वीडियो में कोहली ने कहा, ‘मुझसे लोग पूछते हैं कि आप मैदान पर इतना जोश और जज्बे से कैसे खेलते हैं. मैं उन्हें सिर्फ़ इतना बताता हूं कि मुझे यह खेल पसंद है, मुझे इस बात से प्यार है कि मेरे पास हर गेंद पर योगदान करने के लिए बहुत कुछ है और मैं मैदान पर पूरी जान लगाना चाहता हूं.’
‘हर चीज की एक सीमा होती है’
कोहली ने आगे कहा कि वह मानसिक तौर पर काफी मजबूत हैं, लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है और आपको उस सीमा को पहचानना जरूरी होता है. नहीं तो, आपके लिए हालात और खराब हो सकते हैं. इस समय ने मुझे काफी कुछ सिखाया है. ऐसी चीजें जो सामने नहीं आ रही थीं. मैंने उन्हें कबूल किया.
‘मैं मानसिक तौर पर काफी परेशान था’
पूर्व भारतीय कप्तान ने इस बात को माना कि वह मानसिक तौर पर काफी परेशान थे. कोहली ने कहा, ‘मुझे इस बात को कबूल करने में कोई परेशानी नहीं है कि मैं मानसिक तौर पर परेशानी महसूस कर रहा था. ये आम बात है, लेकिन हम बोलते हैं नहीं क्योंकि हम झिझकते हैं. हम नहीं चाहते कि हम मानसिक तौर पर कमजोर माना जाए. लेकिन, यकीन मानिए, खुद को मजबूत दिखाने के लिए झूठ बोलना कमजोर होने की तुलना में कहीं अधिक बुरा है.’
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