नई दिल्ली (New Delhi)। गीतकार जावेद अख्तर ने जबसे पाकिस्तान में 26/11 मुंबई टेरर अटैक पर बयान दिया है, तबसे पूरा मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल, लिरिसिस्ट- राइटर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने शुक्रवार को पाकिस्तान (Pakistan) में हुए फ़ैज फेस्टिवल में इस टेरर अटैक की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि इस हमले को अंजाम देने वाले लोग आपके मुल्क में अभी भी घूम रहे हैं तो ये शिकायत अगर हर हिंदुस्तानी के दिल (Heart of Hindustani) में है तो, आपको बुरा नहीं मानना चाहिए.
जब जावेद साहब यह सब बोल रहे थे तो पाकिस्तानी जनता (Pakistani people) ने उनके स्टेटमेंट पर खूब तालियां बजाईं, बाद में जावेद अख्तर को यही लोग खरी- खोटी सुनाने लगे. पाकिस्तानी सेलेब्स ने भी इन्हें नहीं बख्शा. अब एक इवेंट में जावेद अख्तर ने पूरी कॉन्ट्रोवर्सी पर रिएक्ट किया है. उनका कहना रहा कि पाकिस्तान में जो बयान उन्होंने दिया, वह ‘इतना बड़ा’ बन जाएगा, उन्हें भी नहीं पता था, पर इतना जरूर है कि पहले से क्लियर थे कि वहां जाकर उन्हें साफगोई से चीजें कहनी थी और उन्होंने कहा भी.
जावेद अख्तर ने स्टेटमेंट पर किया रिएक्ट
जावेद अख्तर ने कहा कि मैंने भले ही स्टेटमेंट दिया हो, पर मैं अपनी बात को साफ तौर पर कहने से पीछे कभी नहीं हटा हूं. यह मामला बहुत बड़ा हो गया है. मुझे तो एम्बैरेसमेंट होने लगी है. मुझे लगता है कि अब मुझे इसके बारे में और कुछ नहीं कहना चाहिए. जब मैं भारत वापस लौटा तो मुझे लगा कि मैंने वर्ल्ड वॉर 3 जीत ली है. इस स्टेटमेंट पर मीडिया और लोगों के इतने सारे रिएक्शन्स थे कि मैंने फोन लेना बंद कर दिया. मुझे लगा कि ऐसा मैंने क्या तीर मार दिया? मुझे ये बातें कहनी थीं. क्या हमें चुप रहना चाहिए? नहीं न. मुझे अब जाकर पता लग रहा है कि मेरे स्टेटमेंट ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है. लोग मुझे वहां गालियां दे रहे हैं. पूछ रहे हैं कि मुझे वीजा क्यों दिया गया? अब मुझे बस यही एक चीज याद रहेगी कि वह किस तरह का मुल्क है. मैं जिस देश में पैदा हुआ हूं, वहां मैं थोड़े कॉन्ट्रोवर्शियल स्टेटमेंट देता आ रहा हूं. हां, वही देश, जहां मैं मरूंगा भी. तो ऐसे में डरने की क्या बात है? जब मैं यहां डरकर नहीं जी रहा हूं तो मैं वहां की चीजों को लेकर क्यों डरूं?
जावेद अख्तर ने यह भी कहा कि जिस तरह से हमारा देश पाकिस्तान के आर्टिस्ट का स्वागत करता है, पाकिस्तान में इंडियन आर्टिस्ट्स का स्वागत उस तरह नहीं होता है. मैं जब पाकिस्तान में था तो एक बड़े से हॉल में सवाल- जवाब हो रहे थे. सभी लोग मेरे से बहुत फ्रेंडली होकर सवाल कर रहे थे. सबकुछ अच्छा चल रहा था, फिर एक शख्स ने पूछा कि हम लोग आप लोगों से अच्छे से मिलते हैं, पर आप लोगों की ओर से हमें वह अपनापन महसूस नहीं होता. मेरे लिए उस रूम से तुरंत बाहर चले जाना मुमकिन नहीं था, ऐसे में मैंने उनके सवाल का जवाब दिया. मैंने कोशिश की कि बहुत आराम से उन्हें मैं जवाब दूं. मैं सिर्फ इतना कहा कि तुम लोग अपना रिकॉर्ड ठीक तरह से सेट करो, सब अच्छा हो जाएगा.
जावेद अख्तर ने कहा था कि कि हमने तो नुसरत और मेहदी हसन के बड़े-बड़े फंक्शन किए. लेकिन आपके मुल्क में तो लता मंगेशकर का कोई फंक्शन नहीं हुआ. राइटर ने कहा कि कोई भी देश केवल अपनी सरकार की पॉलिसिज को स्थापित कर देने से परिभाषित नहीं होती है. पाकिस्तान में न जाने कितने लोग हैं जो भारत के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं, और इनके बारे में हमें पता ही नहीं है. चलो हम समझते हैं. उन लोगों ने हमें देखा है कि किस तरह से भारत कॉर्पोरेट, कल्चर, फिल्म, म्यूजिक और इंडस्ट्री में आगे बढ़ा है. तो एक आम साधारण व्यक्ति यहां आकर इन चीजों को देखना चाहेगा. वहां के कई लोग ऐसा करना चाहते हैं. मैं जब वहां गया तो कई यंग लोगों ने और स्टूडेंट्स ने मेरा गर्म जोशी से स्वागत किया. अगर मैं कहता हूं कि सब पाकिस्तानी एक जैसे हैं तो मेरा यह कहना गलत होगा. सब काफी अलग हैं.
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