नई दिल्ली: संसद के चालू मॉनसून सत्र का आज 10वां दिन हैं. इस बीच राज्यसभा सदस्यों ने NEET और NTA परीक्षा को निरस्त करने पर चर्चा की वैधता पर बहस की. राज्यसाभा में DMK सांसद एम. मोहम्मद अब्दुल्ला ने एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में सरकार से शिक्षा को समवर्ती सूची से हटाकर राज्य सूची में शामिल करने तथा NEET और NTA को समाप्त करके राज्य सरकार के मानदंडों के आधार पर मेडिकल प्रवेश की अनुमति देने के लिए कानून लाने का आग्रह किया गया.
BJP सांसद अनिल सुखदेवराव बोंडे ने इस पर चर्चा तकर करते हुए इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि मैं इस विधेयक का विरोध करता हूं क्योंकि देश के सभी छात्रों को एक समान परीक्षा देनी चाहिए. भारत में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की पिछली प्रक्रियाओं को याद करते हैं. सांसद कहते हैं कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए कई प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन करना छात्रों पर बोझ था, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों या वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों पर.
वहीं राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह प्रस्ताव कई मिसालों और संसदीय मानदंडों और प्रथाओं के खिलाफ है. चौधरी ने कहा कि NEET और NTA को खत्म करने पर चर्चा सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना के खिलाफ होगी. उन्होंने अब्दुल्ला से प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह किया.
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