अहमदाबाद. गुजरात (Gujarat) की राजकोट (Rajkot) लोकसभा (Loksabha) सीट से बीजेपी (BJP) उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला (Parshottam Rupala) ने एक बार फिर इस समुदाय से माफी मांगी है. जसदन में आयोजित एक चुनावी सभा (election meeting) को संबोधित करते हुए रूपाला ने कहा, ‘गलती मैंने की थी, सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है. मेरा कोई गलत इरादा नहीं था, मैंने क्षत्रिय समुदाय (Kshatriya community) के बीच में जाकर क्षमा याचना की, उन्होंने मुझे प्रतिसाद भी दिया. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) का विरोध किस लिए?’
परषोत्तम रूपाला ने क्षत्रिय समुदाय से कहा, ‘आप अपने राष्ट्र के योगदान को याद करें, बीजेपी के विकास में भी आपका बड़ा योगदान याद रहा है. 18 घंटे काम कर करने वाले पीएम मोदी जब देश के अलावा कुछ ना सोच रहे हों, 140 करोड़ लोगों को अपना परिवार समझते हों, पीएम मोदी की विकास यात्रा में अनेक क्षत्रिय साथ रहे हैं, तो उनका विरोध मेरी वजह से क्यों? मेरी गलती मैं स्वीकार करता हूं. लेकिन पीएम मोदी के खिलाफ क्षत्रिय समुदाय को खड़ा कर देना मुझे सही नहीं लगता. पीएम के खिलाफ दर्शाए जा रहे आक्रोश को लेकर पुनर्विचार करें.’
रूपाला के खिलाफ क्षत्रिय समाज में जारी आक्रोश, शहर-शहर किया प्रदर्शन
हालांकि, बीजेपी के डैमेज कंट्रोल की तमाम कोशिशों के बावजूद गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में क्षत्रिय समुदाय में गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है. पिछले कुछ हफ्तों में इन राज्यों में भाजपा के खिलाफ समुदाय की ओर से नियमित विरोध प्रदर्शन देखा गया है. बताया जाता है कि भाजपा का कोर वोट बैंक राजपूत पहले दो चरण में मतदान केंद्रों से दूर रहे. बता दें कि क्षत्रिय समुदाय के लगातार विरोध के बाद भी परषोत्तम रूपाला ने अपना नामांकन वापिस नहीं लिया. उसके बाद से गुजरात में क्षत्रिय समुदाय धर्म रथ निकालकर, भगवे झंडे के साथ बीजेपी के सभी उम्मीदवारों का विरोध कर रहा है.
क्षत्रिय पुरुष बीजेपी की सभाओं में पहुंचकर नारेबाजी कर रहे हैं. क्षत्रिय महिलाएं रूपाला के विरोध में उपवास कर रही हैं. रूपाला ने सभा के दौरान कहा, ‘मैं यहां आप सभी नेताओं से आग्रह करता हूं कि आप क्षत्रिय समुदाय के नेताओं के साथ समझ का एक नया पुल बनाने का प्रयास करें. मैं चुनाव के कारण यह अपील नहीं कर रहा हूं. यह जीत और हार के बारे में भी नहीं है. यह हमारे सामाजिक जीवन के ताने-बाने को छूने वाला विषय है. मैं क्षत्रिय समाज से अनुरोध करता हूं कि इसे राजनीति से दूर रखें.’
परषोत्तम रूपाला से क्यों नाराज है क्षत्रिय समुदाय?
परषत्तम रूपाला पाटीदार समुदाय से आते हैं. ब्रिटिश शासन के दौरान पूर्व क्षत्रिय शासकों के खिलाफ कथित टिप्पणियों के बाद समुदाय उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. सोशल मीडिया पर 23 मार्च को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें रूपाला को राजकोट में एक दलित कार्यक्रम में बोलते हुए दिखाया गया. वीडियो में उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया, ‘अंग्रेजों ने हम पर राज किया…उन्होंने हमें सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी. राजा भी झुक गये. उन्होंने (राजाओं ने) उनके (अंग्रेजों) साथ रोटियां तोड़ीं और अपनी बेटियों की शादी उनसे की. लेकिन हमारे रुखी (दलित) समुदाय ने न तो अपना धर्म बदला और न ही अंग्रेजों के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित किए, जबकि उन पर सबसे अधिक अत्याचार हुआ.’ उनके इस बयान पर क्षत्रिय संगठनों ने उग्र रोष व्यक्त किया.
‘बड़ा दिल रखकर रूपाला को माफ कर दें क्षत्रिय’
क्षत्रिय समुदाय मांग कर रहा है कि या तो 69 वर्षीय रूपाला स्वेच्छा से लोकसभा चुनाव से हट जाएं या भाजपा उनका टिकट रद्द कर दे. लेकिन बीजेपी ने रूपाला का टिकट बरकरार रखा है. इसे लेकर क्षत्रियों ने 24 अप्रैल को रूपाला के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. समुदाय के नेताओं ने मेहसाणा, आनंद, सूरत और जामनगर में क्षत्रिय सम्मेलन आयोजित किए. क्षत्रिय के गुस्से को शांत करने के लिए गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने गांधीनगर आवास पर सीएम भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में समुदाय के नेताओं संग बैठक की. उन्होंने कहा ‘क्षत्रिय समाज हमेशा बीजेपी से जुड़ा रहा है. हमने 3 अप्रैल को क्षत्रिय समाज की 90 संकलन समितियों के प्रमुखों संग बैठक की और उन्हें मनाया. परषोत्तम रूपाला ने दोनों हाथ जोड़कर अपनी टिप्पणी के लिए क्षत्रिय समाज से माफी मांगी है. क्षत्रिय समाज बड़ा दिल रखकर रूपाला को माफ करे.’
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