नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) ने कहा कि मुझे जो कहना था मैंने कह दिया (I have said what I had to Say) और वही सत्य है (And that is the Truth) । राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा में दिए गए राहुल गांधी के भाषण के कुछ विवादास्पद अंश हटा दिए गए हैं ।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने भाषण से हटाई गई टिप्पणियों और अंशों को लेकर अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखक रअनुरोध किया है कि टिप्पणियों को बहाल किया जाए। पत्र में लिखा कि “यह देखकर स्तब्ध हूं कि जिस तरह से मेरे भाषण के काफी हिस्से को निष्कासन की आड़ में कार्यवाही से हटा दिया गया है…मेरी सुविचारित टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा देना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।
अपने भाषण के कुछ अंश हटाए जाने पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “मोदी जी की दुनिया में सत्य को मिटाया जा सकता है। लेकिन असलियत में सत्य को मिटाया नहीं जा सकता। मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया, वही सत्य है। वे जितना चाहें उतना हटा सकते हैं। सत्य तो सत्य है। लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) के रूप में राहुल गांधी का सोमवार को पहला भाषण था। इस दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ।
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद ने संविधान की एक प्रति और भगवान शिव की तस्वीर लहराई और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा। राहुल गांधी द्वारा हिंदुओं का उल्लेख करने पर भाजपा सांसदों ने कड़ा विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दौरान हस्तक्षेप किया।
कांग्रेस सांसद को टोकते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है।” गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद से भाजपा को हिंसा से जोड़ने के लिए माफी मांगने की मांग की। गृह मंत्री ने राहुल गांधी द्वारा भाजपा को ‘हिंसक हिंदुओं’ की उपमा दिए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई और कांग्रेस नेता से माफी मांगने को कहा।
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