भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की सरकार और संगठन में नेतृत्व परिवर्तन (leadership change) को लेकर लगातार चल रही सुगबुगाहट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता (dedicated worker) हूं। पार्टी कहेगी कि दरी बिछाओ, तो वह भी मैं करने को तैयार हूं। जो भी पार्टी तय करेगी, वह मैं करूंगा। मैं खुद अपनी भूमिका तय नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री शिवराज से एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि राष्ट्रीय राजनीति (national politics) में उनकी क्या भूमिका हो सकती है? इस पर उन्होंने कहा कि मैं वही करूंगा, जो पार्टी कहेगी। पार्टी का एक अच्छा कार्यकर्ता वही होता है, जो अपने लिए फैसले नहीं लेता। पार्टी को ही तय करना होता है कि कौन व्यक्ति किस स्तर पर फायदेमंद हो सकता है।
मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट नई नहीं है। अब यह कहा जा रहा है कि इसी साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी एक बार मंत्रिमंडल फेरबदल जरूर करेगी। इससे वह उन नाराज नेताओं को भी एक मौका दे सकती है, जो आगे चलकर उसके लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।
शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने हाल ही में दो बड़े सफल आयोजन किए हैं। पिछले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के बाद ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन हुआ। दोनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। शिवराज ने कहा कि हमारे लिए तो हर साल ही चुनावी साल है। हम नियमित काम करते हैं। चुनावी साल का कंसेप्ट उन लोगों के लिए है जो चार साल काम नहीं करते। इतने वर्षों में मेरा लक्ष्य तो आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने पर ही रहा है। गुजरात में भाजपा ने 40% विधायकों के टिकट काटे। इसके बाद जबरदस्त जीत हासिल की। कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश में भी गुजरात फॉर्मूला लागू होगा। इस पर शिवराज ने कहा कि यह पार्टी को तय करना है। राज्य के संबंध में यह फैसले पार्टी ही लेती है।
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