नई दिल्ली: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दर्दनाक घटना के मामले पर गुरुवार (22 अगस्त, 2024) को लंबी सुनवाई चली. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच सुनवाई कर रही थी. इस दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के गलत उच्चारण के लिए क्षमा मांगी.
सीजेआई चंद्रचूड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज की जगह आरजी कार मेडिकल कॉलेज कहकर संबोधित कर रहे थे. सुनवाई के दौरान एक वकील ने कोर्ट में कहा कि वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की तरफ से पेश हुए हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ ने उनसे कहा, ‘वैसे जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने मुझे टोका है कि मैं कार, कार करता रहता हूं, जबकि वह कर है. इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं.’
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का नाम इसके फाउंडर डॉ. राधा गोविंदा कर के नाम पर रखा गया है. उन्होंने साल 1886 में इसे बनाया था. बाद में पश्चिम बंगाल सरकार ने इसको अपने अंडर में ले लिया. अंग्रेजों के जमाने में इसका दो बार नाम बदलकर बेल्गाशिया मेडिकल कॉलेज और कारमिशेल मेडिकल कॉलेज रख दिया गया था, लेकिन आजादी के बाद फिर से इसका नाम बदला गया और यह आरजी कर मेडिकल कॉलेज बन गया.
कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और राज्य सरकारों को देशभर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देते हुए, कोलकाता की घटना में प्राथमिकी दर्ज करने में 14 घंटे की देरी और इसके पीछे के कारणों पर सवाल उठाए. मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने डॉक्टरों की सुरक्षा, प्रदर्शनकारियों के अधिकारों और पश्चिम बंगाल सरकार की जिम्मेदारियों से संबंधित कई निर्देश जारी किए.
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