नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. एक तरफ लोग इस ऐतिहासिक दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ इस मामले में जमकर राजनीति भी हो रही है. विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी राम मंदिर के जिए राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है. इस बीच शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का कहना है कि वो भी 22 जनवरी को भगवान राम की पूजा करेंगे, फर्क सिर्फ इतना है कि ये पूजा अयोध्या में नहीं बल्कि महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी नदी पर कालाराम मंदिर में होगी.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो अपने कार्यक्रम में राष्ट्रपति को आमंत्रण देंगे. उन्होंने कहा कि वो कालाराम मंदिर में भगवान राम के दर्शन करेंगे और गोदावरी नदी पर आरती करेंगे. उद्धव ने कहा कि जब सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी तब राष्ट्रपति आए थे उनके हाथों से ही प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, ऐसे में वो उनका मांग है कि 22 जनवरी को भी राष्ट्रपति को बुलाया जाए. उद्धव ने कहा कि ये सिर्फ भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा नहीं है देश की प्रतिष्ठा है.
‘देश भक्त हूं, अंधभक्त नहीं’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो देश भक्त हैं लेकिन अंधभक्त नहीं हैं. उन्होंने पीएम मोदी पर तंज करते हुए कहा कि पीएम मोदी सिर्फ चाय पर ही चर्चा क्यों करते हैं. कभी कॉफी, बिस्किट फाफड़ा, पर भी उन्हें चर्चा करनी चाहिए. उद्धव ने कहा कि उन्हें खुशी है राम विराजमान हो रहे हैं हम भी दिवाली मनाएंगे पर जो देश का दिवाला निकल रहा इस पर भी चर्चा होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अटल सेतु बनाया है लेकिन अटल जी की फोटो ही नहीं लगी है ऐसे में देखना होगा की राम मंदिर में राम जी की मूर्ति होगी भी या नहीं इसकी चिंता हैं.
‘काम के चलते बैठक में नहीं हो रहा शामिल’
इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके कुछ दौरे हैं उन्हें वहां जाना है इसीलिए वो बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि इसे लेकर कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. गौरतलब है कि सीटों के बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में सभी दलों के बीच बात चीत चल रही है.
‘दर्शन करने के लिए किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं’
बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब उद्धव ठाकरे या उनकी पार्टी ने बीजेपी और पीएम मोदी पर राम मंदिर को लेकर हमला किया है. इससे पहली भी वो बीजेपी पर आरोप लगा चुके हैं. कुछ दिन पहले ही उद्धव ने कहा था कि भगवान के दर्शन करने के लिए उन्हें किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं है, वो जब चाहे मंदिर जा सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि 22 जनवरी के बाद वो अयोध्या जाएंगे.
‘राम को अयोध्या से उम्मीदवार घोषित करने की देर’
इसके अलावा शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी हाल ही में राम मंदिर को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने भगवान राम का किडनेप कर लिया है. राउत ने कहा ता कि जिस तरह से बीजेपी राम के नाम पर राजनीतिक कर रहे हैं उससे लगता है कि पार्टी अब जल्द ही भगवान राम को चुनावों अयोध्या से उम्मीदवा घोषित करेगी.
‘राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना का योगदान’
राम मंदिर पर योगदान पर को लेकर उद्धव ने देवेन्द्र फडणवीस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि फडणवीस अज्ञानी हैं, जो कह रहे हैं कि राम मंदिर में शिवसेना का कोई योगदान नहीं है. उन्होंने कहा कहा कि कोर्ट में जो मुकदमा चला है उसमें कई सारे शिवसैनिकों के नाम हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में उनकी पार्टी का भी अहम योगदान था.
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