उज्जैन। हादसे में भले ही पैर कट गया, लेकिन उज्जैन के कैलाश सूर्यवंशी को पिछले 25 सालों से साइक्लिंग करने का ऐसा जुनून है कि 1992 में दुर्घटना में अपना एक पैर खोने के 25 साल बाद भी वह रोजाना 15 से 20 किमी साइकिल चलाते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने उज्जैन से इंदौर, देवास और अन्य बड़े शहरों का सफर भी साइकिल से ही पूरा किया हैं।
जिस 65 वर्षीय व्यक्ति की हम बात कर रहे हैं, वो उज्जैन निजातपुरा क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनका नाम कैलाश सूर्यवंशी है जो कि दिव्यांग हैं और उनका एक पैर नकली हैं। बावजूद वे उज्जैन से कई बड़े शहरों का सफर साइकिल से पूरा कर चुके हैं। कैलाश का एक पैर नकली होने के बाद भी वह साइकिल बड़े ही आराम से बिना किसी डर के चलाते हैं। उनको इस तरह से एक पैर से साइकिल दौड़ाते हुए देख हर कोई हैरान है। उन्होंने अपने हौसले के सामने अपनी शरीरिक कमजोरी को हरा दिया है। अग्रिबाण से चर्चा करते हुए कैलाश ने बताया कि यदि आप सपना देख सकते हैं, तो इसे निश्चित रूप से पूरा भी कर सकते हो। उनके लिए साइक्लिंग कोई स्पोर्ट नहीं, बल्कि स्वास्थ्य जीवन जीने का एक तरीका है। इससे वे अन्य लोगों को भी साइकिलिंग के प्रति प्रेरित करते हैं।
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