डेस्क। मैं पेट्रोल (Petrol) हूं अपनी कीमतों के मामले में मैंने शतक बना लिया. मेरे सेंचुरी की खबरें हर रोज सुर्खियों में छाई हुई हैं. हर खिलाड़ी (Khiladi) को शतक बनाने पर ढ़ेर सारा प्यार (Love) और पैसा (Paisa) मिलता है. लेकिन मैं ये शतक बनाकर आम लोगों के बीच बदनाम हो गया हूं. और पैसा… वो भी मेरे नाम पर कोई और ले लेता है. इन सबके बीच जो महत्वपूर्ण बात है वो मैं आपको बताना चाहता हूं…
मैं बस चेहरा हूं : बात ये है कि मैं बेवजह बदनाम हूं. जब आप इस शतक को परत दर परत खोलेंगे तो पाएंगे कि असल खेल तो कुछ और है. मैं तो बस चेहरा हूं. जिसके नाम पर आम आदमी टैक्स (Tax) भर रहा है.
इंडियन ऑयल से जानिए इस शतक का सच
कुछ साल पहले मेरे को इंटरनेशनल क्रूड ऑयल से जोड़ दिया गया. वहां क्रूड का रेट बढ़ता है तो यहां मेरा मीटर हाई होने लगता है. देश में अभी मेरा मैनेजर या यू कहें मेरा गार्जियन इंडियन ऑयल है. इंडियन ऑयल से पूछिए तो पता चलेगा मेरे इस शतक के बारे में…
इंडियल ऑयल के मुताबिक, 1 जुलाई को मेरा वास्तविक रेट 38.93 रुपए था. लेकिन मेरे को 100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब बेचा जा रहा है. मेरे नाम पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार और डीलर टैक्स टैक्स और कमीशन कमीशन खेलते हैं. और बदनाम मैं होता हूं. मेरे नाम पर केंद्र सरकार एक्साइस ड्यूटी के नाम पर 32.90 रुपए वसूल रही है. VAT के नाम पर मेरे खाते में 22.80 रुपए जोड़ा जाता है. औसतन प्रति लीटर डीलर कमीशन 3.82 रुपए भी मेरे नाम पर ही लिया जाता है.
पेट्रोल प्राइस ब्रेकअप
इस तरह मेरी कीमत सबको 100 रुपए बताई जाती है. यानी मेरे वास्तविक रेट के लगभग तीन गुना दाम आम लोगों से वसूला जाता है. लेकिन नाम मेरा बदनाम होता है. यही कहानी मेरे भाई डीजल की भी है. हम दोनों के नाम पर कीमतों का खेल होता है और हम बेवजह बदनाम होते हैं.
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